
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों (Assembly Elections 2022) में महंगाई और बेरोजगारी ऐसे मुद्दे हैं, जिनसे सीधे तौर पर जनता प्रभावित है। मगर, सत्तापक्ष इन मुद्दों से ध्यान भटकाने में कामयाब होता दिख रहा है, जबकि विपक्ष इन्हें प्रमुख चुनावी मुद्दा बना पाने में नाकाम नजर आ रहा है। इसलिए, इन मुद्दों का चुनावों पर कितना असर पड़ेगा, इसे लेकर विशेषज्ञ आश्वस्त नहीं हैं। फिर भी विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं व युवाओं पर इन मुद्दों का असर हो सकता है।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा राज्यों में चुनाव प्रक्रिया चरम पर है। ज्यादातर राज्यों में राजनीतिक दल जीत के बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं। मुफ्त में चीजें देने की बात भी कही जा रही है। मगर, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों का ठोस समाधान निकालने की बात न सत्तापक्ष कर रहा है और न विपक्ष। विपक्षी दल इन मुद्दों को सरकार के खिलाफ उठाने की कोशिश जरूर कर रहे हैं, लेकिन वह अब तक इन मुद्दों पर चुनाव को केंद्रीत नहीं करा पा रहे हैं।
सीएसडीएस के चुनाव विशेषज्ञ संजय कुमार कहते हैं कि निश्चित रूप से जनता के समक्ष महंगाई और बेरोजगारी अहम मुद्दे हैं। हो सकता है कि इसका असर भी चुनाव नतीजों पर दिखे। मगर, इन्हीं मुद्दों पर चुनाव लड़ा जा रहा है, ऐसा कहीं नजर नहीं आता है। दरअसल, विपक्ष इन मुद्दों को सत्तापक्ष के खिलाफ चुनावी मुद्दा बना पाने में सफल नहीं हो पा रहा है। जबकि, सत्तापक्ष चाहता है कि इन मुद्दों से जनता का ध्यान भटके। चुनाव वाले राज्यों में सत्तापक्ष इसमें सफल होता दिख रहा है। इसलिए, चुनावों पर इनका असर तो होगा, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं।
गृहणियां और युवा ज्यादा प्रभावित
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुबोध कुमार मेहता कहते हैं कि इन मुद्दों ने गृहणियों एवं युवाओं को प्रभावित किया है। सरकारें बेरोजगारी दूर करने एवं महंगाई को काबू करने के अपने वादे में फेल रही हैं। कोरोना महमारी ने इस संकट को जटिल बनाया है। एक तो लोगों की आय घटी है, ऊपर से महंगाई बढ़ी है। इसलिए, ये मुद्दे इन चुनाव पर असर जरूर डालेंगे। खासकर उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे बड़े राज्यों में असर दिखेगा, जहां युवा आबादी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों खासकर किसानों के बीच महंगाई के मुद्दे का भी असर दिख सकता है।
गोवा-पंजाब में बेरोजगारी की समस्या बड़ी
सीएमआईई के बेरोजगारी को लेकर दिसंबर के आंकड़ों को देखें तो गोवा और पंजाब में बेरोजगारी की समस्या सबसे बड़ी है। गोवा में यह दर 12 और पंजाब में 7 फीसदी के करीब है। जबकि, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में यह पांच फीसदी है। हाल में चुनावी सर्वे करने वाली एजेंसियों के सर्वेक्षण भी बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में ये दो मुद्दे असर डालेंगे। पंजाब में एक राजनीतिक दल ने अपने आंतरिक सर्वे में पाया कि महंगाई के मुद्दे का असर सबसे ज्यादा है और बेरोजगारी दूसरे नंबर पर है। इसी तरह के सर्वेक्षण गोवा और उत्तराखंड को लेकर भी सामने आए हैं।