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सरदार दलबीर सिंह (बीरा सिंह जी) की आज पुण्यतिथी

आते है सब धरा पर मानुष तन से, पर कुछ जो इंसानियत के लिए कर गुजर जाते है, वो हमेशा चिरस्मरणीय अमर हो जाते है।”

भिलाई। सरदार दलबीर सिंह (बीरा सिंह) जी की आज पुण्य तिथि है। इस्पात नगरी भिलाई में एक विख्यात नाम बीरा सेठ, सरदार बीरा सिंह जी। हैवी ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक। जीवन के तमाम संघर्षों को चीरकर एक वृहद मुकाम बनाने वाले चिरस्मरणीय, बिरले पुरुष, जिसने अपने पौरुष शक्ति के बलबूते जमीनी संघर्ष कर भिलाई जगत में वो उपलब्धि हासिल किया, वो मुकाम बनाया जो आज तक भिलाई के किसी ट्रांसपोट्रर एवं एंड्रस्ट्रीज मालिको में नही मिलेगा। बीरा सेठ जी का कहना था काम कोई छोटा बड़ा नही होता, मेहनत बड़ी होती है! मेहनत करने में शरमाना नही।

स्वर्गीय सेठ बीरा सिंह सरदार हकीकत में जनता के हितैषी और दुख सुख में भागीदार निभाने वाले सच्चे सरदार थे, वह बीमार असहाय, गरीब, जरूरतमंदो की आवश्यताओ को पूरा करते थे, उनके दरबार में जो भी व्यक्ति अपनी व्यथा लेकर पहुंच जाएं, वह निराश कभी नही लौटते। सेठ बीरा सिंह सरदार के बारे में जितना बखान किया जाए, वह कम ही होगा। आज उनके सीख, संस्कार और आदर्शो का पालन करते हुए उनके सुपुत्र सरदार इंद्रजीत सिंह जो कि वर्तमान में अपने पिता के विरासत और संपदा को सहेजे सवारें हुए डायरेक्टर ऑफ एचटीसी है, जिन्हे लोग प्यार से छोटू भईया के नाम से जानते, पहचानते और पुकारते है।

छोटू भईया ने अपने पापा की पांचवीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने विचार व्यक्त किए ” मेरे मन में अपार प्रेम और सम्मान की भावना उमड़ रही है। उनके द्वारा दी गई सीख, संस्कार और जीवन के मूल्यों का महत्व आज भी मेरे जीवन में बना हुआ है। पापा ने अपने संपूर्ण जीवन में जो आदर्श स्थापित किए, वे हमेशा मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगे। उनकी सादगी, निस्वार्थता, और अथक परिश्रम ने मुझे हमेशा आगे बढ़ने की ताकत दी है। आज भी उनकी यादें मेरे दिल में सजीव हैं, और उनकी मुस्कान, उनकी बातें, और उनका मार्गदर्शन मेरे जीवन का हिस्सा बना हुआ है। पापा, आप शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन आपकी उपस्थिति हर क्षण मेरे साथ है। आपकी आत्मा को शांति मिले, और मैं आपके दिखाए मार्ग पर चलता रहूं – यही मेरी विनम्र श्रद्धांजलि है।”

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