व्यापार

मालदीव पर्यटकों को लुभाने भारतीय शहरों में करेगा रोड शो



नई दिल्ली । चीन के बहकावे में आकर भारत से पंगा लेने की वजह से मालदीव में भारतीय टूरिस्टों के न पहुंचने से उसकी अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। इस‎लिए वह पर्यटकों को लुभाने के लिए भारतीय शहरों में रोड शो करने की योजना बना रहा है। दरअसल, दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों के बीच मालदीव पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट जारी है। यही वजह है कि मालदीव में एक प्रमुख पर्यटन निकाय ने घोषणा की है कि वे भारतीय पर्यटकों को वापस लुभाने के लिए भारतीय शहरों में रोड शो आयोजित करेंगे। बता दें कि मालदीव को भारतीय टूरिस्टों की ओर से बहिष्कार अभियान का सामना तब करना पड़ा, जब इसी साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र शासित प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान लक्षद्वीप की तुलना मालदीव से की थी, जिसके बाद मालदीव के मंत्रियों सहित कई अधिकारियों ने पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। मालदीव की ओर से विवादित टिप्पणियों के बाद भारतीयों ने मालदीव का बहिष्कार करना शुरू कर दिया था और लक्षद्वीप को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करने लगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 8 अप्रैल को माले में भारतीय उच्चायुक्त के साथ चर्चा के बाद मालदीव एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर ऑपरेटर्स ने भारतीय शहरों में रोड शो आयोजित करने सहित यात्रा और पर्यटन सहयोग बढ़ाने की योजना की घोषणा की थी। पर्यटन निकाय ने एक बयान में कहा ‎कि भारत के प्रमुख शहरों में एक व्यापक रोड शो शुरू करने और आगामी महीनों में मालदीव में प्रभावशाली लोगों और मीडिया परिचित यात्राओं को सुविधाजनक बनाने की योजना पर काम चल रहा है। इतना ही नहीं एसोसिएशन ने कहा कि मालदीव के पर्यटन के लिए भारत एक महत्वपूर्ण बाजार बना हुआ है। उसने कहा कि वे मालदीव को एक प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने के लिए भारत भर के प्रमुख ट्रैवल एसोसिएशन और इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स के साथ साझेदारी करने के लिए तत्पर हैं। दरअसल, मालदीव के पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत संग राजनयिक विवाद के बाद मालदीव में पर्यटन के लिए आने वाले भारतीय यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। 2023 में मालदीव का दौरा करने वाले 17 लाख से अधिक पर्यटकों में से अधिकांश भारतीय (2,09,198) थे, उसके बाद रूसी और चीनी थे। हालांकि, राजनयिक तनाव के बाद के हफ्तों में भारतीयों की संख्या पांचवें स्थान पर खिसक गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button