रिसाली। मनोनमनियम सुंदर नार विश्वविद्यालय, नेल्लई, तिरुनेलवेली तमिलनाडु में इतिहास विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, नई दिल्ली, भारत सरकार. द्वारा “आपदा जोखिम न्यूनीकरण और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन में युवाओं और किशोरों को शामिल करना” विषय पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु पांच दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।इस कार्यशाला में नागरिक सुरक्षा संगठन छत्तीसगढ़ भिलाई, भिलाई इस्पात संयंत्र से रिसाली निवासी स्वतंत्र कुमार, मास्टर अनुदेशक, कनि. स्टाफ आफिसर, छत्तीसगढ से एक मात्र प्रतिभागी सम्मिलित हुए। युवाओ मे एक मात्र दिल्ली पब्लिक स्कूल भिलाई, एन सी सी की छात्रा कु. ऐशानी ताम्रकार, पिता स्वतंत्र कुमार भी शामिल हुई।राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिकारी डॉ कुमार राका एवं डा. आई. बालू ने सेमिनार में निम्न विषयों व्याख्यान प्रस्तुत किये। आपदा जोखिम प्रबंधन की बुनियादी अवधारणाएँ, देश में आपदा प्रबंधन तंत्र, देश और क्षेत्र की भेद्यता प्रोफ़ाइल, बहु जोखिम क्या करें और क्या न करें, डीआरएम में युवाओं और किशोरों को शामिल करना, आपदा प्रबंधन चक्र में युवाओं की भूमिका, जलवायु परिवर्तन पर अवलोकन, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और शमन, डीआरएम एवं सीसीए में युवा संगठन की भूमिका, लिंग, बच्चों और विकलांगता संवेदनशीलता के लिए युवा डीआरआर और सीसीए में क्षेत्र की यात्रा प्रेजेंटेशन तैयार करवाया गया । समूह प्रस्तुतियाँ जिसमे आपदा प्रबंधन 1 & 2 में मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक देखभाल प्रमुख विषय शामिल था। ऐशानी ताम्रकार छत्तीसगढ से एक मात्र व सबसे कम उम्र की प्रतिभागी रही। इनका एकल व समुह प्रस्तुतिकरण विशेष सराहनीय रहा। इस कार्यशाला मे अपने पिता श्री स्वतंत्र कुमार को प्रेरणास्रोत मानती है