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मैं जागा हुआ असली हिन्दू हूं और मेरा मानना है कि पूरी दुनिया प्रेम और मोहब्बत से ही चलने वाली है, यह देश हम सबका है जिसमें हिन्दू-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाई सब मिल-जुलकर रहने वाले है: राजकुमार सोनी स्वतंत्र चिंतक, विश्लेखक एवं पत्रकार

जवान” फिल्म बनाम नारंगी गैंग के मुंह पर शाहरुख का जोरदातमाचा

रायपुर। अकादमिक गोष्ठियों में शिरकत करने वाले लेखकों, कवियों और जरुरत से ज्यादा गंभीरता ओढ़कर जीने वाले विचारकों को जवान फिल्म नहीं देखनी चाहिए। यह फिल्म उनके लिए नहीं बनी है, वैसे भी जनवाद का छेद वाला कंबल ओढ़कर शून्य में ताकने वाले विचारकों के लिए जो फिल्में बनती है उसे ‘ उन्हें ‘ छोड़कर और कोई दूसरा नहीं देखता है। जवान एक भरपूर मसाला फिल्म है, इस फिल्म में वह सब कुछ है जो एक मसाला दोसे में होता है। अगर आपको नाश्ते में दोसा पसंद है तो खाइए… अन्यथा बहुसंख्यक आबादी के मुंह में जबरदस्ती ढोकला ठूंसने की जो कवायद चल रही है उसे हासिल करने के लिए आप भी लाइन में खड़े हो सकते हैं।

छत्तीसगढ़ के जाने माने विश्लेखक, चिंतक एवं स्वतंत्र पत्रकार राजकुमार सोनी ने शाहरुख खान की वर्तमान मे रिलीज हुई फिल्म जवान के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए है। शाहरुख खान की फिल्म जवान में किसान आत्महत्या, देश की रक्षा के लिए उपयोग में लाए जाने वाले हथियारों की सप्लाई में गड़बड़ी, ऑक्सीजन गैस की कमी से मासूम बच्चों की मौत, देश के पर्यावरण को बरबाद करने वाले उद्योगपतियों से राजनेताओं की सांठगांठ सहित कई ऐसे मसले हैं जिन पर बात करना… मतलब देशद्रोही हो जाना है। फिल्म में जनसरोकार से जुड़े सभी मसलों को जबरदस्त ढंग से पेश किया गया है। फिल्म में ईवीएम भी है और मतदाताओं की ऊंगली पर लगने वाले वाले निशान का महत्व भी, फिल्म में शाहरुख की एक जिम्मेदार नागरिक और अभिनेता की हैसियत से सुलझी हुई टिप्पणी भी देखने- सुनने को मिलती है।

एक देश-एक चुनाव की चर्चाओं के बीच जब शाहरुख धर्म और संप्रदाय-सांप्रदायिकता का लबादा ओढ़कर राजनीति करने वालों को निशाने पर लेते हैं तो यह साफ समझ में आता है कि वे किस दल की करतूतों पर चोट कर रहे हैं।

वर्ष 2014 के बाद से पैदा हुए नारंगी लंपटों ने शाहरुख और उसके परिवार के साथ जो कुछ किया वह किसी से छिपा नहीं है, एक समुदाय विशेष का होने की वजह से उन्हें अपने देश में घोर अपमान सहना पड़ा है। बतौर अभिनेता शाहरूख खान ने इस फिल्म में सारी बातों का अपने ढंग से जवाब दिया है।

एक कलाकार के तौर पर दिए जाने वाले उनके जवाब से दर्शक भीतर ही भीतर खुशी का अनुभव करता है, सीधे तौर पर कहें तो शाहरुख की फिल्म ‘ जवान ‘ वर्तमान निज़ाम उसके सिस्टम और नारंगी गैंग से ताल्लुक रखने वाले लंपटों के मुंह पर करारा तमाचा है। राजकुमार सोनी ने कहा कि मनोरंजन के भरपूर डोज से गुजरना हो तो यह फिल्म अवश्य देखी जानी चाहिए। मैंने यह फिल्म इसलिए देखी क्योंकि हमेशा की तरह नारंगी गैंग ने फिल्म का बॉयकॉट कर रखा था।

सोशल मीडिया पर यह बॉय कॉट

सोशल मीडिया पर यह फिल्म का बॉयकॉट अब भी चल रहा है वैसे नारंगी गैंग जिस फिल्म का भी बॉयकॉट करता है मैं उस फिल्म को अवश्य देखता हूं और दो-तीन बार देखता हूं।

मैंने पठान फिल्म भी दो बार देखी थीं

मैं जागा हुआ असली हिन्दू हूं और मेरा मानना है कि पूरी दुनिया प्रेम और मोहब्बत से ही चलने वाली है. यह देश हम सबका है जिसमें हिन्दू-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाई सब मिल-जुलकर रहने वाले हैं

फिल्म का निर्देशक कोई एटली है जिसका निर्देशन जानदार और शानदार है। फिल्म का हर फ्रेम बंधा हुआ है, फिल्म में कुछ कमिया भी है बावजूद इसके फिल्म की नीयत बेहद साफ है। फिल्म के निर्देशक एटली और शाहरुख खान को इसलिए भी बधाई दी जानी चाहिए कि उनके दिमाग में देश को नफ़रत की आग में झोंकने वाले एजेंडे के तहत कश्मीर और केरला फ़ाइल्स जैसी प्रोपेगंडा फिल्म बनाने का घटिया विचार नहीं आया। कोई तो ऐसा निर्देशक और अभिनेता सामने आया जो यह बताने की कोशिश कर रहा है कि देश में जो कुछ भी घट रहा है वह ठीक नहीं है। यह फिल्म एक जरूरी हस्तक्षेप लगती है, बाकी फिल्म की कहानी क्या है ? किसका अभिनय जानदार है ? संगीत कैसा है ? यह सब जानने समझने के लिए सिनेमा हॉल जाइए। नारंगी गैंग के लोग नाश्ते में गोबर खाकर शीर्षासन करेंगे तब भी शाहरुख की इस फिल्म को हिट होने से नहीं रोक पाएंगे। आसार बता रहे हैं कि फिल्म तगड़ी कमाई करने जा रही है, और हां… इस भ्रम में भी खुद को मत डालिए कि कोई कितना भी कुछ कर लें- आएगा तो मो…….. ही।देश लोगों से बनता है। लोग बदल रहे हैं, देश बदल रहा है। उम्मीद रखिए 2024 तक बहुत कुछ बदलने वाला है। विश्लेखक, चिंतक राजकुमार सोनी छत्तीसगढ़ के एक जाने माने स्वतंत्र पत्रकार है।

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