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महतारी वंदन का फर्जी फार्म भरवाने पर पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश को चुनाव आयोग का नोटिस! भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ीं।

भिलाई। भारतीय जनता पार्टी द्वारा भरवाए जा रहे महतारी वंदन फार्म में भले ही भाजपा की ओर से तमाम सफाई क्यों ना दे दी गई हो लेकिन चुनाव आयोग ने इसे आचार संहिता का घोर उलंघन माना है।कल 11 नवंबर को भिलाई नगर से भाजपा प्रत्याशी और छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय और उनके कुछ कार्यकर्ता सेक्टर 2 क्षेत्र में महतारी वंदन योजना का फार्म भरवा रहे थे, जिसे चुनाव आयोग ने मिथ्या फार्म याने की फर्जी फार्म ठहराया है। चुनाव के दौरान लालच देना, धमकाना या गलत अफवाह फैलाने जैसे कृत्य आचार संहिता अधिनियम के तहत उलंघन की श्रेणी में आते हैं। वहीं महिलाओं को 1000 रुपए महीने देने का लालच देकर भरवाए जा रहे फॉर्म में अब नया मोड़ आ गया है। चुनाव आयोग ने इसे फर्जी ठहराते हुए पूर्व मंत्री को नोटिस तलब कर दो दिनों के भीतर जवाब मांगा है अन्यथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (2) के तहत कार्रवाई करने की बात कही है।*क्या है धारा लोक प्रतिनिधित्व की धारा 123*आइए आपको समझाते हैं, आरपीए 1951 के तहत भ्रष्ट आचरण पर क्या कहता है कानून?अधिनियम की धारा 123 – यह धारा भ्रष्ट आचरण को परिभाषित करती है जिसमें रिश्वतखोरी, अनुचित प्रभाव, गलत जानकारी और उम्मीदवार द्वारा शत्रुता की भावनाओं को बढ़ावा देना या बढ़ावा देने का प्रयास शामिल है।• धारा 123 (2) – यह धारा अनुचित प्रभाव से संबंधित है जिसे यह किसी भी चुनावी अधिकार के स्वतंत्र प्रयोग में उम्मीदवार की ओर से किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हस्तक्षेप के रूप में परिभाषित करता है।धारा 123 में चोट पहुंचाने की धमकी, सामाजिक बहिष्कार और किसी जाति या समुदाय से निष्कासन भी शामिल हो सकता है।इन धाराओं के तहत होने वाली कार्रवाई से प्रत्याशी का फार्म भी निरस्त करने की कार्रवाई की जा सकती है। जिसके चलते अब भाजपा प्रत्याशी प्रेमप्रकाश पांडे की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। दो दिनों के भीतर इस पूरे प्रकरण में उनसे लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है।*महतारी वंदन फार्म में क्या अजीब*जैसा की छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तेज हो रही सरगर्मी के बीच पहले चरण का मतदान पूरा हो चुका है लेकिन ऐसा कोई फार्म पहले चरण में हुए किसी भी विधानसभा में नहीं भरवाया गया जबकि 17 तारीख को होने जा रहे मतदान चरण की सीटों पर यह महतारी वंदन फार्म भरवाए जा रहे हैं। जिसमें घर घर जाकर महिलाओ से उनकी जानकारी लेकर फार्म भरवाया जा रहा है जिसमें दावा किया गया कि चुनाव के बाद हर महीने 1000 रुपए याने साल के 12000 रुपए उनके खाते में मोदी सरकार ट्रांसफर करेगी। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि इस फार्म में और फार्म के साथ भाजपा ने ना ही किसी भी महिला का पहचान पत्र मांगा है और ना ही बैंक खाता से संबंधित कोई जानकारी चाही है। जोकि इस फार्म के अंतर्गत बताएं जा रहे लाभ को सही बता सके। महतारी वंदन फार्म को चुनाव के वक्त घर घर जाकर मतदाता महिलाओ से भरवाया जाना मतदाताओं को हजम नही हो रहा है, साथ ही उक्त उपाय को भाजपा का चुनावी स्टंट मानकर मतदाताओं में यह चर्चा आम है कि मोदी शाह की बीजेपी जुमलेबाज पार्टी हो गई पहले भी जुमले छोड़े थे कालाधन, महंगाई, सबके खाते में पैसा आएगा यह सारी प्रक्रिया चुनाव के समय जनता जनार्दन मतदाताओं को रिझाने और गुमराह कर वोट लेने की है, निश्चित तौर पर महतारी वंदन फार्म जनता में भाजपा की गिरती साख से मतदाता को रिझाने और वोट मांगने की चुनावी स्टंट हो सकती है।भाजपा यदि महिलाओं को सम्मान देना चाहती है तो महतारी वंदन फार्म को अधिकृत पुष्टि कर घोषित करती। पर उक्त महतारी वंदन फार्म अधिकृत ना होना महिलाओ को भविष्य में लाभ मिले या न मिले, पुष्टीकरण पर संशय पैदा करती है। स्थानीय भाजपा नेता इसे एक सर्वे मात्र ठहरा रहे हैं। दूसरी तरफ चुनाव आयोग ने इसे फर्जी ठहराया है। अब देखना यह है कि दो दिनों के भीतर भिलाई नगर से भाजपा प्रत्याशी प्रेमप्रकाश पाण्डे इसका क्या स्पष्टीकरण देते हैं या चुनाव आयोग आगे क्या कार्रवाई करती है।

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