अन्‍य

बिहार: चिराग और पारस दोनों को नहीं मिला ‘बंगला’, अब ‘हेलीकॉप्टर’ और ‘सिलाई मशीन’ से ही चलाना पड़ेगा काम

बिहार: चिराग और पारस दोनों को नहीं मिला ‘बंगला’, अब ‘हेलीकॉप्टर’ और ‘सिलाई मशीन’ से ही चलाना पड़ेगा काम

e0a4ace0a4bfe0a4b9e0a4bee0a4b0 e0a49ae0a4bfe0a4b0e0a4bee0a497 e0a494e0a4b0 e0a4aae0a4bee0a4b0e0a4b8 e0a4a6e0a58be0a4a8e0a58be0a482 615c551f95b05

आउटलुक टीम

बिहार उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के दोनों गुटों को नाम और चिन्ह आवंटित कर दिए हैं। चिराग पासवान गुट की पार्टी ‘लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास)’ को हेलीकॉप्टर चुनाव चिन्ह दिया गया है जबकि पशुपति पारस गुट की पार्टी ‘राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी’ को सिलाई मशीन चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है।

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और उसके चुनाव चिन्ह ‘बंगला’ पर चिराग और पारस गुट दोनों ने दावा किया था। इन दावों के बाद चुनाव आयोग ने एक अंतरिम आदेश में पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। दोनों गुटों को आयोग ने 4 अक्टूबर यानी आज 1 बजे तक अपने अपने गुट के लिए नया नाम और सिंबल का तीन विकल्प देने का आदेश दिया था।

चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर इस मामले में पशुपति पारस गुट पर आरोप लगाए थे। चिराग ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि 4 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे की समयसीमा ख़त्म होने के बाद भी पारस गुट ने आयोग के सामने पार्टी और सिंबल का तीन विकल्प नहीं दिया जिसके चलते आयोग ने फ़ैसला नहीं किया। चिराग ने पत्र में आरोप लगाया है कि पशुपति पारस का गुट जानबूझकर नामों और सिंबल का तीन विकल्प देने में देरी कर रहा है ताकि आयोग फैसला नहीं कर सके।

चिराग का आरोप है कि आयोग की ओर से फैसले में हो रही देरी का असर उनकी चुनावी तैयारियों पर पड़ रहा है क्योंकि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा की दो सीटों पर 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव में अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है। उपचुनाव के लिए उम्मीदवारी का नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर रखी गई है।

हालांकि पारस गुट इस मामले में चिराग पासवान के आरोपों को खारिज कर रहा है। खुद केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि उनके गुट ने 4 अक्टूबर को निर्धारित समयसीमा से पहले ही आयोग को अपना जवाब और विकल्प भेज दिया है। पारस ने बताया कि उनके पास आयोग की ओर से दिया गया पावती पत्र भी है। चिराग के आरोपों के उलट उन्होंने दावा किया कि चिराग पासवान के गुट ने ही समयसीमा के भीतर अपना जवाब चुनाव आयोग को नहीं भेजा। अब संभावना जताई जा रही है कि आज किसी वक्त चुनाव आयोग दोनों गुटों के नए नाम और सिंबल को लेकर अपना आदेश जारी कर देगा।

बता दें कि करीब तीन महीने पहले लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के चार अन्य सांसदों के समर्थन से पारस ने दिवंगत रामविलास पासवान के पुत्र और अपने भतीजे चिराग पासवान के खिलाफ सफल विद्रोह किया था और वह लोकसभा में पार्टी के नेता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के चार अन्य सांसदों के समर्थन से पारस लोकसभा में पार्टी के नेता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे। तभी से दोनों के बीच पार्टी के नाम और सिंबल को लेकर विवाद चल रहा है।

Related Articles

Back to top button