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छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मर्यादित देवभोग दुग्ध संयंत्र को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के अंडरटेकिंग में कार्यों की संचालन दिए जाने की जानकारी पर दुग्ध सहकारी समिति से जुड़े किसान एवं दुग्ध उत्पादन करने वाले व्यवसायियों में खुशी की लहर
रायपुर। छत्तीसगढ़ ने सहकारी विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में आज दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। यह पहल प्रदेश में डेयरी और वन उपज विकास को गति देने के साथ ही आदिवासी समुदाय और किसानों के उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए समझौता हुआ। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित और राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) के बीच एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है, जहां कुदरत ने अपनी संपदा को भरपूर मात्रा में बांटा है। यहां न तो पानी की कमी है, न भूमि की और न मेहनतकश लोगों की। आवश्यकता थी केवल एक अच्छी शुरुआत की। आज के इस कार्यक्रम में डेयरी और वन उपज के क्षेत्र में दो नई और सकारात्मक शुरुआत हुई हैं।
उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया यह समझ चुकी है कि हमारे खानपान में रासायनिक तत्वों की बढ़ती मात्रा के कारण कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और थायरॉइड जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। ऑर्गेनिक खेती न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पर्यावरण और भूमि की उर्वरता के लिए भी अनुकूल है।उन्होंने गुजरात के अनुभव साझा करते हुए बताया कि वहां देसी गाय के गोबर से ऑर्गेनिक खाद बनाकर 21 एकड़ भूमि पर खेती सफलतापूर्वक की जा रही है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती के माध्यम से हम कृषि को लाभकारी बना सकते हैं और भूमि की उर्वरता को पुनर्जीवित कर सकते हैं। वन उपज के विकास को लेकर उन्होंने कहा कि आज से जनजातीय समुदाय की वन उपज, जो पहले कौड़ियों के दाम पर बिक जाती थी, अब सर्टिफिकेशन और बेहतर मार्केटिंग के माध्यम से उचित मूल्य पर बेची जाएगी। इससे आदिवासी समुदाय को सशक्त करने और उनकी आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। उन्होंने राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) की स्थापना को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इसके तहत देशभर में जैविक उत्पादों का परीक्षण और सर्टिफिकेशन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार और इन योजनाओं से जुड़े सभी अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कदम प्रदेश को विकास और समृद्धि की दिशा में ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उक्त अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों के तहत पशुपालन और डेयरी उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने इस पहल को ’डबल इंजन सरकार’ के तेजी से काम करने और परिणाम देने की कार्यशैली का उदाहरण बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समझौते के माध्यम से प्रदेश में तकनीकी उन्नयन, पेशेवर अनुभव और डेयरी उद्योग के विकास में एनडीडीबी की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा। डेयरी उद्योग से न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा। दूध उत्पादन के बढ़ने से सुपोषण अभियान को नई दिशा मिलेगी, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य और विकास में सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 621 सहकारी समितियां कार्यरत हैं। इस समझौते के माध्यम से आगामी तीन वर्षों में 3200 नई समितियों की स्थापना के साथ 3850 गांवों को जोड़ा जाएगा। साथ ही, 6 जिलों के 300 गांवों में मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना की जाएगी। दुग्ध संकलन, जो वर्तमान में प्रतिदिन 75,000 किलोलीटर है, अगले तीन वर्षों में 5 लाख किलोलीटर प्रतिदिन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, 220 बल्क मिल्क कूलर इकाइयों की स्थापना की जाएगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सहकारी समितियों से 16,324 पशुपालक जुड़े हुए हैं, जिन्हें निकट भविष्य में बढ़ाकर 1.5 लाख किया जाएगा। इन पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और मशीनों की सहायता से दूध की जांच और तत्काल भुगतान की सुविधा प्रदान की जाएगी। अनुसूचित वर्ग के लोगों को दो दुधारू गाय प्रदान करने की योजना से डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इन गांवों में बायोगैस और बायो फर्टिलाइजर प्लांट की स्थापना से किसानों की आय में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक अवसर के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का विशेष रूप से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह समझौता उनकी दूरदृष्टि और मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने एनडीडीबी और छत्तीसगढ़ दुग्ध महासंघ के सभी अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह साझेदारी प्रदेश को विकास और समृद्धि की दिशा में ले जाने में महत्वपूर्ण साबित होगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों से अपील की कि वे सहकारी समितियों से जुड़कर अपनी आय में वृद्धि करें और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहभागी बनें। यह समझौता प्रदेश के डेयरी उद्योग और ग्रामीण विकास के लिए एक नई दिशा और नई ऊर्जा प्रदान करेगा। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड के प्रतिनिधि, दुग्ध सहकारी समिति से जुड़े किसान, महिला किसान, वनोपज सहकारी समिति के अधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा सहकारी डेयरी फेडरेशन, स्वामित्व और छत्तीसगढ़ राज्य के दुग्ध उत्पादकों द्वारा प्रबंधित से एक है। राज्य डेयरी फेडरेशन 2013 जो पहले रायपुर Dudgh संघ (अविभाजित मध्य प्रदेश के MPCDF का एक हिस्सा) के रूप में जाना जाता था में बनाई गई थी। वहाँ के बाद अपने व्यापार संघ द्वारा लिया गया था दो स्तरीय प्रणाली स्थापित करने के लिए और जल्द ही आनंद पैटर्न के आधार पर तीन टायर प्रणाली के लिए योजना बना।छत्तीसगढ़ भारत गणराज्य के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक है। डेयरी विकास के क्षेत्र में यह अच्छी तरह से अपनी उत्पादक दुधारू मवेशियों के लिए जाना जाता है। राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है। पीछे लोग और एक सहायक व्यवसाय के रूप में नस्ल पशु। CGCDF 27 जिला छत्तीसगढ़ राज्य के तहत कार्य कर ग्रामीण स्तर पर 665 से अधिक डेयरी सहकारी सोसायटी में प्रतिदिन दुग्ध उत्पादकों 82000 से अधिक लीटर है। संघ के मिशन डेयरी विकास के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि लाने के लिए है। पिछले चार CGCDF द्वारा सहकारी डेयरी विकास के दशक के दौरान, छत्तीसगढ़ राज्य में डेयरी उद्योग दूध अधिशेष की है कि दूध की कमी की स्थिति से प्रगति की है। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन के आदर्श वाक्य गुणवत्ता दूध और दूध उत्पादों, जिससे प्रदान करना है। DEVBHOG – अग्रिम ब्रांड गुणवत्ता में एक बेजोड़ हासिल की है और सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया है।
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मर्यादित देवभोग दुग्ध संयंत्र को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के अंडरटेकिंग में कार्यों की संचालन दिए जाने की जानकारी पर जहां दुग्ध सहकारी समिति से जुड़े किसान एवं दुग्ध उत्पादन करने वाले व्यवसायियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है, वहीं डेयरी उत्पादन के कार्य से जुड़े व्यक्तियो को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के आने पर अब लाभ होने की गुंजाईश दिखने लगी है।