
पीएम नरेंद्र मोदी के रविवार को समुद्र में डुबकी लगाने यानी स्कूबा डाइविंग करने के साथ ही पौराणिक द्वारका नगरी एक बार फिर चर्चा में आ गई है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने समुद्र के अंदर बेट द्वारका में भगवान द्वारकाधीश की पूजा भी की। उन्होंने कहा कि यह एक दिव्य अनुभव था। द्वारका नगरी आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित देश के चारों धाम में से एक है। हिंदू धर्म के मान्यता अनुसार द्वारका नगरी का इतिहास है….
जरासंध से यदुवंशियों की सुरक्षा के लिए श्रीकृष्ण मथुरा को छोड़ अपनेे साथ यदुवंशियों को द्वारका ले गए थे।
आज से लगभग पांच हजार साल पहले श्रीकृष्ण ने मथुरा छोड़कर द्वारका का निर्माण विश्वकर्मा के हाथों कराया था। श्रीकृष्ण अपने साथ यदुवंशियों को ले गए थे। द्वारका श्रीकृष्ण की कर्मभूमि मानी जाती है। श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध कर दिया तो कंस के ससुर जरासंध ने श्रीकृष्ण और यदुवंशियों का खात्मा करने की कसम खाई थी। इसके लिए वह आए दिन मथुरा पर आक्रमण करता रहता था। इसके चलते यादवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्रीकृष्ण ने मथुरा को छोड़कर द्वारका जाने का निश्चय किया।