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पंजाब: किसान आंदोलन के बाद अब शुरू हुआ नया मूवमेंट, केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ीं

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आउटलुक टीम

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किसान आंदोलन के बाद पंजाब से अब एक और आंदोलन की सुगबुगाहट तेज हो रही है। लिहाजा केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, पंजाब में जलियावाला बाग की रेनोवेशन के बाद किए बदलावों को रद्द करवाने के लिए पंजाब छात्र संघ और नौजवान भारत सभा ने मंगलवार को अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।

हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक, पंजाब छात्र संघ की एक प्रदर्शनकारी हरदीप कौर ने कहा कि यह विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक कि वे ऐतिहासिक स्मारक को उसके मूल स्वरूप में वापस नहीं कर देते।

हरदीप कौर ने आगे कहा, “ऐतिहासिक स्मारक का दृष्टिकोण बदलने से इतिहास की कहानी भी बदल जाती है; पहले इसमें सिर्फ एक गेट था, अब इसमें दो हैं। पहली बार इसे देखने वाले लोग सवाल करेंगे कि अगर दो दरवाजे थे, तो लोग क्यों कुंए में कूद गए?”

उन्होंने एक राजनीतिक एजेंडे का आरोप लगाते हुए कहा, “फेस-लिफ्ट के बाद, प्रवेश ऐसा लगता है जैसे लोग मेले में जा रहे हैं। भाजपा के प्रतीक कमल को भी दरवाजे पर रखा गया है। किसी दूसरे फूल का इस्तेमाल क्यों न करें? यहां मरने वाले मुसलमानों के नाम भी काट दिए गए हैं। क्यों? क्या यह कोई एजेंडा है?”

पंजाब छात्र संघ के एक प्रदर्शनकारी रणबीर सिंह रंधावा ने कहा, “लुक पूरी तरह से बदल दिया गया है। जब आप प्रवेश करते हैं, तो नृत्य करने वाले लोगों की मूर्तियाँ होती हैं।” इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया, “जलियांवाला बाग में संघर्ष एक साम्राज्यवाद विरोधी था, मगर भाजपा ने इसे राष्ट्रवादी में बदल दिया है। जब वे इसे इस प्रकार पेश करते हैं, तो वे दिखाते हैं कि मुसलमान राष्ट्र विरोधी थे। उन्होंने प्रयास किया है कि पंजाब के इतिहास की कहानी बदल दो, मगर यहां के युवा इसकी अनुमति नहीं देंगे।”

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया था।

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