दुर्ग । दुर्ग विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र यादव के पाम्पलेट में स्व. हेमचंद यादव की तस्वीर के बगल में स्व. ताराचंद साहू की तस्वीर लगकर जनता जनार्दन के बीच बटनां भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र यादव की चुनावी रणनीति मानी जा रही है। उक्त पंपलेट और भाजपा की रणनीति से यादव समाज और साहू समाज को एकजुट किया जा सकेगा यह माना जा रहा है। बरहाल जनता जनार्दन में चर्चा यह भी जोर शोर से है कि दुर्ग में कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा को हराने की रणनीति के तहत साहू-यादव एक्सप्रेस चलाने का यह प्रयोग किया गया है।
ज्ञात हो कि स्व. ताराचंद साहू गुंडरदेही से भाजपा के विधायक चुने गए थे और बाद में दुर्ग के सांसद भी चुने गए। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से तीखे मतभेद के कारण उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने नई पार्टी छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच का गठन कर पूरे छत्तीसगढ़ में भाजपा के खिलाफ चुनावी मोर्चेबंदी की थी और पूरे छत्तीसगढ़ में नगाड़ा बजा दिया था। जो कि उनके निधन के बाद स्वाभिमान मंच पार्टी हाशिये पर चली गई और नगाड़ा कुछ हाथों में जा कर थम गई। गजेंद्र यादव ने इस विधानसभा चुनाव में दुर्ग के पूर्व विधायक स्वर्गीय हेमचंद यादव के साथ स्वर्गीय ताराचंद साहू जी को भले ही चुनावी रणनीति के तहत सम्मान दिया हो पर अंदर की बात जाने तो भाजपा के भीतर ही विरोध एवं अंतरकलह के स्वर फूटने लगे है। भाजपा के वरिष्ठ नेता इस रणनीति को किस नजरिए से लेते है यह तो भाजपा का अंदरूनी मामला है, बहरहाल भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र यादव ने वक्त की नजाकत को देखते हुए भाजपा से असंतुष्ट होकर भाजपा छोड़ कर छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच पार्टी बनाकर तीसरी शक्ति के रूप में स्थापित करने वाले स्वर्गीय ताराचंद साहू जी की राजनीतिक उपेक्षा की मार्मिकता को आत्मियता रूप से समझते हुए उन्हें सम्मान देकर चुनावी पांपलेट में स्थान दिया हो, पर चुनाव पर इसका असर कितना पड़ेगा यह चुनावी मतदान के बाद पता चलेगा।