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ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण पर इलाहाबाद HC ने लगाई रोक, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने दी थी चुनौती

ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण पर इलाहाबाद HC ने लगाई रोक, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने दी थी चुनौती
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आउटलुक टीम

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे पर रोक लगा दी है। यह रोक वाराणसी सिविल कोर्ट के आदेश पर लगाई है। इस आदेश के खिलाफ यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। सीनियर डिवीजन सिविल जज ने अप्रैल में एएसआई को सर्वेक्षण का आदेश दिया था।

याचिका में कहा गया था कि इस विवाद से जुड़ा एक मामला पहले से ही हाईकोर्ट में पेंडिंग है। ऐसे में वाराणसी की अदालत को इस तरह का आदेश पारित करने का कोई अधिकार नहीं है। यह गलत आदेश है और इसे रद्द कर देना चाहिए।

यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी ने याचिका में कहा था वाराणसी सिविल कोर्ट ने सर्वेक्षण का आदेश देकर पूजा स्थल (विशेष प्रवधान) अधिनियम 1991 के आदेश का उल्लंघन किया है। इस कानून के तहत 15 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्मस्थल को दूसरे धर्मस्थल में नहीं बदला जा सकता। हाई कोर्ट ने सभी तथ्यों को सुनने के बाद वाराणसी सिविल कोर्ट के आदेश पर स्टे ऑर्डर जारी कर दिया।

बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर पक्ष की अर्जी पर सिविल कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था। मंदिर पक्ष का कहना है कि मुगल शासक औरंगजेब ने 1664 में काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त कर उसके अवशेषों पर मस्जिद का निर्माण किया था जिसे आज भी आसानी से देखा जा सकता है। मंदिर पक्ष की मांग है कि वास्तविकता जानने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण कराया जाए।

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