
Publish Date: | Sat, 27 Nov 2021 12:21 AM (IST)
तरपोंगी। ग्राम तरपोंगी में जारी भागवत कथा के पांचवें दिन शुक्रवार को भागवत आचार्य पं. नंदकुमार शर्मा निनवा वाले ने कहा कि संस्कारों के बिना कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं है। इंसान की सुंदरता शरीर से नहीं, बल्कि उनके चरित्र और वाणी से होती है इसीलिए व्यक्ति को अपनी वाणी और चरित्र की सुंदरता पर ध्यान देना चाहिए। किसी भी व्यक्ति में बाहरी सुंदरता के साथ-साथ आंतरिक सुंदरता होना भी आवश्यक है।उन्होंने कहा कि मनुष्य की सुंदरता का आकलन उनकी वाणी, विचार और स्वभाव से होता है। किसी भी इंसान को महान बनाने में उसकी सोच और विचारधारा अधिक महत्वपूर्ण होती है, न कि उसका शरीर। आचार्य शर्मा ने कहा कि नर हो या नारी सभी अपने सांसारिक चित्र को संवारने में लगे है, चरित्र को संवारने की चिंता किसी को नहीं है। ईश्वर हमारे शरीर की सुंदरता को नहीं देखते, वह तो इंसान की भावना और चरित्र को देखता है। उन्होने कहा कि सुंदर होना कोई बुरी बात नहीं परंतु शरीर सुंदर होने के साथ-साथ हमें एक अच्छा इंसान भी बनना चाहिए। चरित्र अच्छा हो और सीधा-साधा मन हो तो आप सबको जीत सकते है। हमारे संस्कार हमें अंदर से सुंदर बनाते हैं और इन संस्कारों के बिना तो हमारी ऊपरी सुंदरता किसी काम की नहीं है। इंसान का रंगरूप आज नहीं तो कल उसका साथ छोड़ ही देता है। उम्र के साथ साथ आपके चेहरे की रंगत बदल जाती है। आचार्य ने भगवान राम के जन्म की कथा बताई और कहा कि आज समाज के लोगों के आचरण में जो मिलावट आई है ऐसे में भगवान राम के आचरण से हमें पवित्रता की सीख लेनी चाहिए। किसी भी मुश्किल परिस्थिति में भगवान राम ने अपना धैर्य नहीं खोया। आचार्य नंद कुमार शर्मा ने कहा कि श्रीराम ने हर परेशानी में धैर्य से काम लिया इसलिए हमें भगवान राम की तरह जीवन की हर मुसीबत में शांति से कार्य करना चाहिए। आगे आचार्य भगवान कृष्ण के जन्म की कथा बताई। कृष्ण जन्म की कथा में कथा पंडाल में बैठे सभी श्रोतागण रोमांचित होकर कृष्ण जन्मोत्सव में झूम उठे।
Posted By: Nai Dunia News Network