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झारखंडः ओबीसी और नियोजन का श्रेय लेने में जुटी कांग्रेस, आरपीएन बोले- अफसर कार्यकर्ताओं की नहीं सुनेंगे तो खुद जाऊंगा

झारखंडः ओबीसी और नियोजन का श्रेय लेने में जुटी कांग्रेस, आरपीएन बोले- अफसर कार्यकर्ताओं की नहीं सुनेंगे तो खुद जाऊंगा

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आउटलुक टीम

रांची। झारखंड में हेमन्‍त सरकार की सहयोगी कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष बदलने के बाद थोड़ा एग्रेसिव खेलती दिख रही है। एक तरफ ओबीसी कार्ड का माइलेज लेने की ललक है तो दूसरी तरफ ‘नियोजन नीति’ के नाम से चर्चित नियुक्ति नियमावलियों में भी अपना दखल दिखा रही है।

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय पहुंचे तो स्‍वागत के साथ विरोध के स्‍वर भी गूंजे। उनका पुतला भी फूंका गया, गो बैक के नारे भी लगे। कांग्रेस में एक धड़ा है जिनका हित नहीं सध रहा, चल नहीं रही, वे विरोध में हैं। दलील यह कि इनके कार्यकाल में राजेश ठाकुर चौथे प्रदेश अध्‍यक्ष के रूप में तैनात हुए, मगर प्रभारी पूर्ववत कायम हैं। अपने विरोध के बारे में आरपीएन सिंह ने कहा कि कांग्रेस में तानाशाही नहीं चलती, लोगों को बोलने की इजाजत है। हालांकि इससे इतर उनका फोकस कार्यकर्ताओं और हेमन्‍त सरकार पर दबाव को लेकर दिखा।

चुनावी घोषणा पत्र में किये वादे की चर्चा करते हुए पार्टी विधायक दल नेता और नई टीम से कहा कि जनता से किये वादों को हर हाल में जमीन पर उतारना है। कहा कि 27 प्रतिशत पिछड़ों को आरक्षण का बीड़ा उठाया है। कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था। इसे पूर्ण करने का काम करेंगे। जेएमएम हो, बीजेपी आजसू या दूसरी पार्टियां सबको इसका समर्थन अवश्‍य करना चाहिए। नियुक्ति नियमावलियों मके संशोधन में उठ रहे सवाल पर कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि नियोजन नीति में कुछ त्रुटियां रह गई हैं। कांग्रेस विधायक दल के नेता अपैर प्रदेश अध्‍यक्ष मुख्‍यमंत्री से इस पर बात करेंगे। संगठन के लोगों, कांग्रेस विधायकों ने जो आपत्ति जताई है, सुझाव दिये हैं उन पर बात कर, निदान निकाला जायेगा। सरकार कार्रवाई करेगी। दरअसल प्रदेश में ओबीसी की आबादी पचास प्रतिशत से अधिक है वहीं बेरोजगारी चुनाव में बड़ा मुद्दा था।  कांग्रेस इसे अपने पक्ष में कैश कराना चाहती है। बीस सूत्री-निगारी समिति में विलंब से उपज रहे असंतोष को ध्‍यान में रखते हुए उन्‍होंने यह भी कहा झारखंड के अधिकारियों को साफ तौर से सचेत करना चाहता हूं कि यह सरकार झारखंड के वासियों की बेहतरी के लिए है। हमारे कार्यकर्ता भ्रष्‍टाचार का मामला उजागर करेंगे। कांग्रेस के कार्यकर्ता जनता की आवाज लेकर अधिकारियों के पास जाते हैं।  कोई अधिकारी नहीं सुनता है तो संगठन के लोग उन्‍हें बताने का काम करेंगे। तब भी नहीं सुनते हैं तो मैं खुद जाऊंगा।

कोविड के दौरान ग्रामीण नियोजन पर उन्‍होंने हेमन्‍त सरकार की तारीफ भी की। कहा कि देश में सर्वाधिक यहीं रोजगार मिला। आरपीएन सिंह ने कहा कि प्रदेश अध्‍यक्ष और कार्यकारी अध्‍यक्षों को सख्‍त निर्देश दिया गया है कि सभी जिलों में प्रखंडों तक दौरा कर गांव के कार्यकर्ताओं से संवाद कायम करें। हर कोने में कांग्रेस का कार्यकर्ता, संगठन और झंडा दिखना चाहिए।

वापस करेंगे जमीन

उन्‍होंने कहा कि बिजली की बड़ी समस्‍या है, तत्‍काल सुधार की जरूरत है। पिछली भाजपा सरकार ने गरीबों से जो जमीन छीनकर लैंड बैंक बनाया था। उसमें अगर इंडस्‍ट्रीज लगती है तो हमें कोई दिक्‍कत नहीं। नौकरी मिलेगी। मगर भाजपा ने गरीबों से जो जमीन छीनी थी उसे गरीबों को वापस दिलायेंगे। मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री सह कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने स्‍पष्‍ट किया कि गैर मजरुआ खास ऐसी जमीन जो रैयरत को बंदोबस्‍ती नहीं हुई थी, रसीद कटना शुरू नहीं हुआ था, लैंड बैंक में चला गया था। उसे वापस दिलाया जायेगा।

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