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कुरूक्षेत्र में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना – योग, युनानी, सिद्घा, होम्योपैथी की डिग्रीयां की जाएंगी प्रदान

कुरूक्षेत्र में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना – योग, युनानी, सिद्घा, होम्योपैथी की डिग्रीयां की जाएंगी प्रदान
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आउटलुक टीम

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चण्डीगढ़, हरियाणा के स्वास्थ्य एवं आयुष मंत्री अनिल विज ने कहा कि कुरूक्षेत्र में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है, जहां योग, युनानी, सिद्घा, होम्योपैथी की डिग्रीयां प्रदान की जाएंगी। इस विश्वविद्यालय में योग कोर्स शुरू हो चुके हैं। जगह-जगह योग सिखाएंगे तो क्वालिफाईड योग विशेषज्ञों की जरूरत पड़ेगी, इसलिए 1000 योग शिक्षकों के पदों की भी मंजूरी मिल चुकी है और उन्हें शीघ्र भरा जायेगा।

यह जानकारी आज उन्होंने अंबाला छावनी स्थित नेताजी सुभाष पार्क में ‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ के अवसर पर प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए दी। उन्होंने यह भी कहा कि योग दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को योग के प्रति प्रेरित करना है लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से निरंतरता में योग करते रहना चाहिए। योग अपनाओ, रोग भगाओ, खुद सीखो और दूसरों को भी सिखाओ, इसलिए सभी अपने घर योग अवश्य करें, इससे शारीरिक क्षमता और दक्षता बनी रहती है और बीमारियों से लडने की ताकत मिलती है। उन्होंने कहा कि 21 जून 2015 को योग दिवस की शुरूआत हुई थी, तब से लेकर यह योग दिवस निरंतरता में मनाया जा रहा है। आज हम 7वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं। योग के क्षेत्र में भारत विश्व गुरू बनने की ओर निरंतर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हम सबके के लिए बड़े की गर्व की बात है कि यह विधा हमारे पूर्वजों की देन है, जिनके आदर्शों और संस्कारों के चलते हिन्दुस्तान को विश्व में स्थान मिल रहा है।

मंत्री विज ने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि वर्ष 2014 में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूएनओ में प्रस्ताव रखा था और इसी उम्मीद के साथ यह पास हो जायेगा। प्रधानमंत्री की पहल पर यह प्रस्ताव पास हुआ और 170 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया और फिर यह तय हुआ कि योग दिवस मनाया जाए। 21 जून सबसे लंबा दिन होता है और इसे लंबी जिंदगी के दृष्टिकोण के साथ इसलिए जोड़ दिया गया कि योग की निरंतरता के चलते आयु भी लंबी होगी। उन्होंने कहा कि योग सिखाने की मांग आए दिन बढ़ रही है। इस बार कोरोना से सावधानी के चलते जिला में 50 स्थानों पर योग दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किए गये। सभी 22 जिलों में 50-50 स्थानों पर 50-50 की उपस्थिति के साथ योग कार्यक्रम आयोजित किए गये ताकि कोरोना के संक्रमण को देखते हुए व्यवस्था पूरी तरह से सुव्यवस्थित रहे। समूचे प्रदेश में 1100 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गये।

अपनी अभिव्यक्ति के दौरान योग की विधाओं में झांकते हुए उन्होंने यह भी कहा कि योग का मतलब है मन, शरीर और आत्मा को आपस में जोडना। विधाता ने हमें यह शरीर दिया है, इसे स्वस्थ रखने के लिए हमें निरंतरता में योग और प्राणायाम करते रहना चाहिए। कोरोना ठीक होने के बाद भी शरीर में पोस्ट कोरोना रह सकता है, इसलिए यदि किसी प्रकार की दिक्कत आती है तो उसके दृष्टिगत सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों में उमंग के नाम से उमंग पोस्ट कोरोना केयर सैंटर खोले हैं, जहां पर डाक्टरों, विशेषज्ञों, फिजिसियन के साथ-साथ अन्य बिमारियों से सम्बन्धित डाक्टर और योग टीचर रखे जा रहे हैं। प्रदेश में शीघ्र ही करीब 1000 योग शिक्षकों की भर्ती की जायेगी, इसके लिए मंजूरी भी मिल चुकी है।

प्रदेश सरकार योगा को बढ़ावा दे रही है जिसके दृष्टिगत बाबा रामदेव को योग अम्बेसडर बनाया गया है। वैसे भी योग सिखाने में पतंजलि का हमे हमेशा ही सहयोग मिलता रहता है। सरकार ने निर्णय किया है कि प्रदेश के लगभग सभी गांवों में योगशालाएं बनाई जाएं, अधिकतर गांवों में योगशालाएं स्थापित भी की जा चुकी है। शहर के हर मुमकिन क्षेत्र में योगशालाएं बनाई जायेगी।

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