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किसान आंदोलन: करनाल में प्रशासन से बनी किसानों की बात, मामले की होगी न्यायिक जांच, छुट्टी पर रहेंगे SDM

किसान आंदोलन: करनाल में प्रशासन से बनी किसानों की बात, मामले की होगी न्यायिक जांच, छुट्टी पर रहेंगे SDM
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आउटलुक टीम

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हरियाणा में करनाल के जिला मुख्यालय के बाहर चल रहा किसानों का धरना आज पांचवें दिन समाप्‍त हो गया है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी और प्रशासन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की घोषणा की गई। किसान नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच वार्ता सफल रही। दोनों पक्षों ने सामने आकर सहमति जताई। शनिवार को किसान नेता और करनाल प्रशासन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। किसानों की ओर से बताया गया कि प्रशासन ने उनकी प्रमुख मांगे मान ली हैं, जिसके मुताबिक लाठीचार्ज के आरोपी एसडीएम आयुष सिन्हा को छुट्टी पर भेज दिया गया है, पूरे मामले की जांच रिटायर्ड जज से करवाई जाएगी, मृत किसानों के परिजन को नौकरी दी जाएगी।

करनाल में स्थानीय प्रशासन और किसान नेताओं की संयुक्त प्रेस वार्ता में अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि कल की वार्ता सकारात्मक वातावरण में हुई। आम सहमति से निर्णय हुआ है कि सरकार 28 अगस्त को हुए घटना की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच करवाएगी। जांच 1 महीने में पूरी होगी।

उन्होंने आगे कहा कि पूर्व एसडीएम आयुश सिन्हा इस दौरान छुट्टी पर रहेंगे। हरियाणा सरकार मृतक किसान सतीश काजल के 2 परिवारजनों को करनाल ज़िले में डीसी रेट पर सेंक्शन पोस्ट पर नौकरी देगी।

वहीं, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि आज यहां संयुक्त मोर्चे की बैठक करने की जरूरत नहीं है। हम एक नौकरी मांग रहे थे, कल हमने दो मांगी। एक हफ्ते में दोनों नौकरियां मिल जाएंगी। एसडीएम जबरन छुट्टी पर रहेंगे। उसके बाद उनपर अलग एफआईआर दर्ज होगी।

करनाल में प्रशासन,किसान नेताओं की संयुक्त प्रेस वार्ता के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने ये भी कहा कि आज आंदोलन स्थल खाली हो जाएगा, इस पर हमने सभी लोगों की राय ले ली है। सभी ने अपनी सहमति जताई है। संयुक्त मोर्चे की बैठक अब यहां नहीं दिल्ली में होगी। दिल्ली का आंदोलन वैसे ही जारी रहेगा। हमारी तरफ से ये किसानों की जीत है।

बता दें कि 28 अगस्त को एसडीएम आयुष सिन्हा ने करनाल में किसानों के प्रदर्शन पर लाठीचार्ज के आदेश दिए थे। आयुष सिन्हा का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें किसानों का सिर फोड़ने की वो बात कर रहे थे। किसान लगातार इस लाठीचार्ज का विरोध कर रहे है। इसको लेकर किसानों ने करनाल में महापंचायत बुलाई थी।

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