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आकाशीय बिजली गिरने से जेल में हड़कंप! 20 सीसीटीवी कैमरे और एक टीवी क्षतिग्रस्त

जिला जेल में उस वक्त हड़ंकप मच गया जब छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश एवं मौसम के बिगड़े मिजाज से वज्रपात हुआ और आकाशीय बिजली सीधे जेल परिसर में गिरी।

*जिला जेल परिसर में तड़ित चालक नहीं होने के कारण जेल के दो पेड़ जले, 20 सीसीटीवी कैमरे और एक टीवी खराब।

*कैद खाना में कैदियों के साथ निरपराध लोग भी न्याय की अपेक्षा में प्रेक्षागृह में रहते है।

*जेल में उचित सूरक्षा प्रबन्ध ना होने पर कैदियों के साथ निरपराध मनुष्य भी किसी आपदा की भेंट बलि ना चढ़ जाय।

*जेल में प्राकृतिक आपदा में आकाशीय बिजली जैसे घटनाओं को रोकने तड़ित चालक नहीं लगवाया जाना संविधानिक संज्ञान से परे है।

कोरबा।जिला जेल में उस वक्त हड़ंकप मच गया जब छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश एवं मौसम के बिगड़े मिजाज से वज्रपात हुआ और आकाशीय बिजली सीधे जेल परिसर में गिरी। मौसम की रुख जानें तो इन दिनों छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश और आकाशीय बिजली की गड़गड़ाहट, कड़कड़ाहट की आवाज जमीन पर नही बल्कि आकाश की ओर से देखने को मिलेगी। वातावरण में उमस फिर बारिश। मौसम कब बिगड़ जाए इसका अंदाजा मौसम विभाग ही दे सकता हैं। लिहाजा कोरबा जिला जेल में उस वक्त हड़ंकप मच गया जब मौसम के बिगड़े मिजाज से बारिश और वज्रपात हुआ और गड़गड़ाहट एवं कड़कड़ाहट की आवाज के साथ आकाशीय बिजली सीधे जेल परिसर में गिरी। जिला जेल में उस वक्त हड़ंकप मच गया और बिजली गिरने से जेल परिसर में दो पेड़ जल गए, और जेल परिसर में लगे उपकरणों की भी हानि हुई। बताया जाता है कि जिला जेल परिसर में तड़ित चालक नहीं होने के कारण जेल के 20 सीसीटीवी कैमरे और एक टीवी खराब हो गया। इतना ही नहीं जेल परिसर में मौजूद दो पेड़ भी जल गए। जेल प्रबंधन द्वारा नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है। साथ ही तड़ित चालक के लिए लोक निर्माण विभाग से प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है जिसे स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेजा जाएगा। पर अब यह सवाल उठने लगा कि वैज्ञानिक युग के वर्तमान युग में देश के प्रत्येक सरकारी गैर सरकारी संस्थानो में, विभागो में जहां व्यक्तियों का काम काज और संख्या बल में उपस्थिति रहती हो, वहां उन विभागों में आपदा प्रबंधन विभाग की एनओसी और तड़ित चालक लगवाना अनिवार्य होता है। पर यह तो शासन का, सरकार का सरकारी कैद खाना है। जहां कैदियों को पूरी निगरानी एवं सुरक्षा में रखा जाता है। उक्त विभाग जेल में प्राकृतिक आपदा में आकाशीय बिजली जैसे घटनाओं को रोकने तड़ित चालक नहीं लगवाया जाना संविधानिक संज्ञान से परे है। Prsh तो उठा है कि क्या जेल परिसर में तड़ित चालक नहीं लगवाया गया। या की तड़ित चालक लगाएं जाने के बाद मेंटेनेस एवं रख रखाव में टूट फुट गया हो, यह तो जांच का विषय है। बरहाल

कोरबा में पिछले कुछ दिनों से जिस तरह लगातार बारिश हो रही है। बरसात के कारण आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं भी सामने आ रही है जिससे जान माल का नुकसान भी हो रहा है। जिला आपदा प्रबंधन विभाग को उक्त दिशा में ध्यान देने की आवश्यकता है। जिला जेल में जहां आकाशीय बिजली गिरने से हड़कंप मच गया। जेल में वज्रपात होने से प्रबंधन को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। जेल अधीक्षक के अनुसार कि तड़ित चालक नहीं होने के कारण बिजली गिरने का सीधा प्रभाव जेल में लगे उपकरणों पर पड़ रहा है। 20 की संख्या में सीसीटीवी कैमरे खराब हो गए है। एक टीवी क्षतिग्रस्त हुई है। दो पेड़ों के जलने के साथ ही और भी नुकसान हुआ है जिसका सर्वे कराया जा रहा है। शासन को उक्त दिशा में अविलंब थ्यान देना चाहिए, क्योंकि जेल कैद खाना में कैदियों के साथ निरपराध लोग भी न्याय की अपेक्षा में प्रेक्षागृह में रहते है। ताकि न्याय मिलने पर अपने घर को जा सके। पर कही ऐसा ना हो कि जेल में उचित सूरक्षा प्रबन्ध ना होने पर कैदियों के साथ निरपराध मनुष्य भी किसी आपदा की भेंट बलि ना चढ़ जाय।

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