
अहिवारा की जनता ने विधानसभा चुनाव में अपना नेता तय कर लिया और कहा नही चाहिए बाहरी नेता!
नंदनीनगर के रहने वाले इस युवा नेता पर भाजपा लगा सकती हैं अधिकृत प्रत्याशी का मुहर।
युवा चेहरे की सबसे ज्यादा चर्चा …पब्लिक ने खुद कर दी टिकट की डिमांड…नंदिनी नगर के रहने वाले भाजपा के इस युवा पर भाजपा खेल सकती है दांव युवा नेता सुधाकर ने कहा भाजपा की जीत और कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करना ही उनका ध्येय!
भिलाई। अहिवारा की जनता ने विधानसभा चुनाव में अपना नेता तय कर लिया और कहा नही चाहिए बाहरी नेता!, जो आरक्षित क्षेत्र का फायदा उठाते रहे है और चुनाव जीतने के बाद जनता के बीच दिखाई नही देते, और न ही जनता के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र में स्थाई कार्यालय में समय देते है। पाटन विधानसभा से अलग अस्तित्व में आने के बाद अहिवारा विधानसभा का विकास जिस गति से होना था वह नही हुआ। बल्कि अहिवारा विधानसभा क्षेत्र बाहरी थोपे गए प्रत्याशी को ढोते रहा है। अहिवारा का विधानसभा चुनाव में जीत का सेहरा बांधने वाले मतदाता भिलाई ३ चरोदा और नंदनी एवं अहिवारा बूथ एवं क्षेत्र से मतदान करने वाले सटीक मतदाता है, जिनका वोट उम्मीदवार के जीत हार के लिए निर्णात्मक माना जाता रहा है। लेकिन अब जनता में यह चर्चा आम हो गई कि राजनीतिक दल और दल के कद्दावर उम्मीदवार कोई भी प्रत्याशी अहिवारा विधानसभा क्षेत्र का स्थानीय निवासी होना चाहिए। राजनीतिक दलों में देखे तो कांग्रेस पार्टी से अहिवारा विधानसभा चुनाव में रूलिंग विधायक होने के कारण वर्तमान विधायक केबिनेट मंत्री श्री गुरु रुद्र कुमार जी दावेदार है, वही स्थानीय भिलाई ३ निवासी महापौर निर्मल कोसरे की उम्मीदवारी भी दमदार से देखी और आंकी गई है। उधर आप पार्टी भी चुनाव में अपने घोषणाओं के साथ स्थानीय प्रत्याशी पर दांव लगा रही है। तो वही कुछ राजनीतिक दलों में अब तक खेमेबाजी ही चल रही है। कुछ तो बरसती मेढ़क है जो चुनाव में तरतराते है। बहरहाल बीजेपी की ओर झांके जिसने अहिवारा विधानसभा में दो-दो विधायक दिए। जो फ़िलहाल अभी उम्मीदवारों के लिस्ट में लगे है। फिर भी उन पूर्व विधायकों को टिकट मिलने की उम्मीद बनाएं हुए है। पर जनता कि मानें तो उनका कहना है उन्होंने विधानसभा के लिए अपना स्थानीय नेता चुन लिया है। जो प्रत्येक क्षण उनके क्षेत्र में क्षेत्र के विकास और दुख सुख में शामिल हो सकेगा। उन्हे बाहरी थोपे गए विधायक मंत्री नही चाहिए। जनता में चर्चित नाम कोई और नहीं बल्कि नंदनीनगर के रहने वाले युवा नेता पर जनता का रुझान देखने को मिल रहा है। जिस पर भाजपा भी टिकिट देकर अधिकृत प्रत्याशी का मुहर लगा सकती हैं।
उस युवा शख्स का नाम सुधाकर बारले है। यह नाम बीते दो साल से अहिवारा विधानसभा में खासे चर्चा में लोकप्रिय रहा है। गांव से लेकर शहर तक इन्हे अच्छे खासे कद काठी के युवक एवं सदव्यवहार से लोग प्रभावित है। सुधाकर बारले के बार में जानकारी मिली है कि एक नाम कई काम। मसलन सुधाकर बचपन से संघ की शाखा में जा रहे है, सनातन और हिंदुत्व को प्राथमिकता देते हैं। गौ सेवक है। अच्छे क्रिकेट है। मानवता से सरोकार रखते हैं। कहते हैं कि जरुरत मंदों की सेवा ही सच्ची सेवा है। सुधाकर नामी बिल्डर है।
मूलत: अहिवारा विधानसभा के नंदिनी नगर के रहने वाले सुधाकर ने अपनी शिक्षा दीक्षा अहिवारा से और आगे उन्होंने सिक्किम के मणिपाल यूनिवर्सिटी से बीएससीआईटी (बैचलर ऑफ साइंस , इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी की पढ़ाई की है।
सुधाकर को जानने वाले बताते हैं कि सुधाकर को कभी सक्रिय राजनीति में आने का उद्देश्य नहीं था। भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित सुधाकर पल्बिक डिमांड पर सक्रिय राजनीति में आए। बताया जाता है की अहिवारा विधानसभा की जनता, जनार्दन मतदाताओं का रुख़ जानकर की अब बाहरी प्रत्याशी नही चलेगी भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं यहां तक आम जनता को भी एक येसे प्रत्याशी की तलाश थी जो अहिवारा विधानसभा का मूल निवासी हो। जिसके भीतर जनसेवा का भाव हो, और जो कांग्रेस को आसानी से टक्कर भी दे सके। इसमें सबसे ज्यादा सुधाकर ही खरे उतरते दिखे।
लोगों की मांग पर उन्होंने भाजपा से टिकट के लिए दावेदारी कर दी।
उनकी दावेदारी ने अचानक उनको सुर्खियों में ला दिया।
सुधाकर बारले से सम्पर्क कर जब सक्रिय राजनीति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सोचा नहीं था कि सक्रिय राजनीति में आना होगा। मैं तो भाजपा में रहकर ही आमजन की सेवा करना चाहता था। करता भी हूं। यदि आम जनता ने मुझे दावेदारी के लिए कहा, और पार्टी मौका देती है तो निश्चित रुप से अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा के साथ निभाऊंगा। पार्टी का निष्ठावान सिपाही हूं, पार्टी के अनुशासन ही मेरी प्राथमिकता है। वहींं बारले का कहना हैं कि पार्टी अहिवारा से जिसे भी प्रत्याशी बनाती है, उसको जीत दिलाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
चुनाव लड़ने के सवाल पर कहते हैं कि कांग्रेस ने पांच साल में सिर्फ छल किया। घोषणा पत्र में गंगाजल की कसम खाकर 36 घोषणाएं की। कोई भी पूरा नहीं किया। युवा वर्ग, मजदूर वर्ग, महिला वर्ग, कर्मचारी अधिकारी वर्ग सबको ठगने का काम किया। यहां तक छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा के नाम पर छत्तीसगढ़ को हजारों करोड़ों के कर्ज में लाद दिया। भ्रष्टाचार के नए मामले हर दिन सामने आ रहे हैं। पूरा छत्तीसगढ़ अपराध का गढ़ बन गया है। शराबबंदी ना कर मातृशक्ति के साथ धोखा किया। किसानों के साथ धोखा किया। छत्तीसगढ़ महतारी के वन, खनिज संपदा को लूटने का काम किया जा रहा है। चार साल बीतने के बाद अंतिम पांचवे वर्ष जब आचार संहिता लगने को है तो उन कांग्रेसी विधायक मंत्री को क्षेत्र की जनसमस्या, एवं सुविधा देने की बात याद आती है और वे लाखो करोड़ों रुपए का भूमिजन, लोकार्पण करते है। चार साल तक किसी व्यक्ति को भोजन न दो और पांच वर्ष के अंतिम समय में भूख को भोजन से लबालब का दो क्या बदहजमी नही हो जायेगी। कांग्रेस का विकास का ढोंग बदहजमी जैसा है।जो स्थाई नहीं है। बारले ने कहा कि यह सब देख मन घृणा से भर उठता है। इन्हीं सबके के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहा हूं, और जबतक कांग्रेस सत्ता से वेदखल नहीं हो जाती , जब तक भाजपा की सरकार नहीं बन जाती आवाज उठाता रहूंगा। जनता ने हमे अपना विश्वाश सौपा है, यदि भाजपा से टिकट मिलती है तो चुनाव जरूर लडूंगा।
