
हरियाणा के करनाल जिले के गांव कलामपुरा से लापता हुए 5 वर्षीय यश का शव बुधवार सुबह पड़ोसियों की छत मिला। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है। पूरे गांव में सर्च अभियान शुरू हो गया है।
शव देखने से हत्या की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि बच्चे के शरीर पर चोट के निशान है। गला दबाकर हत्या करने की संभावना जताई जा रही है। परिजनों की शिकायत के आधार पर केस दर्ज करके जांच की जाएगी। फिल्हाल परिजनों ने किसी पर भी शक नहीं जताया है।
कल दोपहर से लापता था यश, ग्रामीणों ने लगाया था जाम
बता दें कि 5 वर्षीय यश मंगलवार दोपहर को अचानक लापता हो गया था। वह घर से 5 रुपए लेकर दुकान से खाने का सामान लेने के लिए गया था, पर वापस लौट कर घर नहीं आया। यश के पापा 4 महीने पहले अमेरिका गए हैं। पीछे दादा, दादी, मम्मी, चाचा के पास रहता है।
रोजाना अपनी बहन, गांव के बच्चों के साथ खेलने वाला यश पता नहीं कहां चला गया। विरोधी में ग्रामीणों ने रात 11 बजे नैशनल हाईवे पर जाम लगा दिया। क्योंकि यश के न मिलने से पूरे गांव में गुस्सा था, मातम था। लोग परेशान, चिंतित थे कि आखिर यश किस हालत में और कहां पर होगा।
डीएसपी विजय देशवाल ने आश्वासन देकर करीब 40 मिनट बाद जाम खुलवाया। एसपी गंगाराम पुनिया ने बच्चे को उठाने वाले बाबा पर 1 लाख रुपए का इनाम रख दिया है।
सीसीटीवी में नजर आया था एक बाबा
ग्रामीणों ने एक बाबा पर शक जताया था। एक सीसीटीवी में बाबा की वेशभूषा में जाता हुआ आदमी नज़र आ रहा है, जिसके पास एक बहुत बड़ा थैला है। अमूमन किसी बाबा के पास इतना बड़ा थैला नहीं होता। उस थैले में वजन भी नजर आ रहा है,
जिसे उठकर ले जाने में उसे जोर लगाना पड़ रहा है और वह रफ्तार भी पकड़े हुए है। शक है कि यश को उस बाबा की वेशभूषा वाले व्यक्ति ने उठाया है।
12 घंटे बाद लगाया जाम
जाम के दौरान ग्रामीण ने बताया कि किसी बड़े आदमी का होता तो वह 10 मिनट में पूरी सिटी को बंद करवा देते। गरीब आदमी का बच्चा है। इसलिए पुलिस वाले कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। 12 घंटे हो गए 5 साल का बच्चा किस हालत में है,
कुछ पता नहीं। नेताओं का बच्चा होता तो पूरा देश बंद हो जाता अब तक। पुलिस ने अब तक क्या कार्रवाई की, आकर बताओ।
समझाकर खुलवाया जाम
डीएसपी विजय देशवाल ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि 5 वर्षीय बच्चे को बाबा उठाकर ले गया। जिले की पुलिस तलाश में जुट गई थी। कई टीमें तो ग्रामीणों के साथ भेजी हुई थी। लोगों को जाम लगाने की बजाए बच्चे को ढूंढने में मदद करनी चाहिए थी।
पुलिस ग्रामीणों का दर्द समझती है। कार्रवाई में जुटी है। ग्रामीणों को समझाकर जाम खुलवाया है।