छत्तीसगढ़दुर्ग

कांग्रेस की रिकॉर्ड जीत : भिलाई, रिसाली और भिलाई-चरोदा में जीते; पहली बार ऐसा हुआ जब 62 महिला प्रत्याशी पार्षद चुनकर परिषद पहुंच रहीं

अब तक हुए पांच बार के चुनावों में कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें, 170 वार्डों में से 81 में कांग्रेस, 62 में बीजेपी व 27 में अन्य जीते।

जिले के चार निकायों भिलाई, रिसाली, चरोदा और जामुल में हुए वार्ड चुनाव के बाद मतों की गणना गुरुवार की देर रात पूरी हो गई है। इसके साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस भिलाई, रिसाली, चरोदा में शहर सरकार बनाने जा रही है, वहीं जामुल में मामला फंस गया है। यहां बीजेपी के 10 पार्षद जीतकर आए हैं, कांग्रेस के सिर्फ 5 पार्षद जीते हैं। इस हिसाब से 5 अन्य के समर्थन में कांग्रेस सरकार बनाने की जुगत में हैं।

बीजेपी ने भी जामुल में शहर सरकार बनाने के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया है। मतों की गिनती के बाद भिलाई के वार्ड- 56 से कांग्रेस प्रत्याशी साधना सिंह ने एक वोट से चुनाव जीता। उसने भाजपा की जे ललिता को हराया। वार्ड-54 से निर्दलीय प्रत्याशी वशिष्ठ नारायण मिश्र पांचवीं बार निर्दलीय चुनाव जीता। वार्ड-19 से पूर्व सभापति राजेंद्र अरोरा और पूर्व एमआईसी दिवाकर भारती वार्ड-29 से चुनाव हार गए हैं। चरोदा के वार्ड-31 से पूर्व मेयर व बीजेपी प्रत्याशी चंद्रकांता मांडले चुनाव हार गईं हैं। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री अरुण सिसोदिया भी चुनाव हार गए हैं। दिग्गजों में लक्ष्मीपति राजू, नीरज पाल, एकांश बंछोर, आदित्य सिंह सहित अन्य चुनाव जीत गए हैं।

जीतने वालों को अपनों पर ही भरोसा नहीं

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कांग्रेस के सामने मेयर बनाने की चुनौती है। चरोदा और भिलाई में बड़ी जीत हासिल करने के बावजूद पार्षदों को इकट्‌ठा कर अज्ञातवास के लिए रवाना कर दिया गया है।

चुनाव के ऐसे तथ्य जिसे आप जानना चाहेंगे

प्रतिशत के आधार पर सबसे ज्यादा वोट नीरज को
वार्ड-60 से कांग्रेस प्रत्याशी नीरज पाल को 1821 वोट मिले। वार्ड में 2178 वोट पड़े। नीरज को कुल पड़े मत के 83.60 प्रतिशत मत पड़े।

बतौर निर्दलीय लगातार 5वीं बार जीते वशिष्ठ
वार्ड-54 से निर्दलीय प्रत्याशी वशिष्ठ नारायण मिश्र लगातार पांचवीं बार निर्दलीय चुनाव जीता। इस बार वार्ड बदलकर वशिष्ठ ने चुनाव लड़ा था।

ये 1000 मतों से ज्यादा के अंतर से जीते
वार्ड-12 से गिरवर बंटी साहू रिकार्ड 2137 मतों से जीते। वहीं वार्ड-28 से अर्चना यादव, 37 से अब्दुल मन्नान, 7 से आदित्य सिंह, 60 से नीरज पाल, 66 से लक्ष्मीपति राजू और 59 से एकांश शामिल हैं।

इनकी जीत का अंतर 10 से कम रहा
भिलाई के वार्ड- 56 से कांग्रेस प्रत्याशी साधना सिंह ने एक वोट से चुनाव जीता। उसने भाजपा की जे ललिता को हराया। वार्ड-64 में बीजेपी प्रत्याशी उपासना साहू ने सिर्फ 4 वोट से चुनाव जीता।

भास्कर एनालिसिस

कांग्रेस की जीत के 5 कारण

  • तीन महीने पहले वर्किंग शुरू की, बूथ से सुझाव के आधार पर सभी प्रत्याशी तय किए।
  • स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता दी, राज्य की कल्याणकारी योजनाओं पर फोकस किया।
  • लगातार फील्ड पर उतरकर लोगों की समस्याओं से अवगत हुए, समस्या निराकृत की।
  • समय रहते घोषणापत्र लेकर आए, इसकी वजह से जनता को समझने का मौका मिला।
  • अपने कामों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया, जनता तक बात पहुंचाने में सफल रहे।

भाजपा की हार के 5 कारण

  • प्रत्याशी चयन में एक गुट विशेष के लोगों का ठप्पा लगा रहा, दूसरों ने काम ही नहीं किया।
  • घोषणा पत्र जारी करने में देरी की, इस वजह से जनता ने उसे सीधे नकार दिया।
  • प्रचार-प्रसार के कामों में बीजेपी के नेताओं में एकजुटता देखने को नहीं मिली।
  • निकाय चुनाव से पहले हुए वार्ड परिसीमन कई दिग्गजों की जीत के आड़े आया।
  • ट्विनसिटी सहित अन्य जगहों पर कोरोनाकाल की निष्क्रियता जीत के आड़े आई।

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