छत्तीसगढ़राजनीति

नए मंत्रियों ने किया शपथ ग्रहण, बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, दयाल दास बघेल, केदार कश्यप को भी मिली जिम्मेदारी…

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छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल का पुराने चेहरों और नए विधायकों को मिलाकर विस्तार कर दिया गया है। मंत्रिमंडल में जो संभावना थी वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, दयाल दास बघेल और केदार कश्यप को जगह मिल गई है। वहीं नए चेहरों में ओ पी चौधरी, इत्यादि को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक दिन पहले मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में जानकारी दे दी थी। इसके बाद मंत्रिमंडल में कौन-कौन नए सदस्य शामिल किए जाएंगे कल लेकर काफी कुछ उत्सुकता खत्म हो गई थी और मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में पूरी तस्वीर स्पष्ट हो गई थी। लेकिन राजनीतिक गलियारे में उसके बावजूद अटकलबाजियों का दौर चल रहा था कि कुछ नाम को बदला जा सकता है। इसलिए लोगों की नजर शपथ ग्रहण समारोह की और लगी हुई थी कि जो शपथ ग्रहण करेगा वही तो मंत्री होगा। यह वास्तविकता है कि मंत्रिमंडल के नए सदस्यों को तय करना बहुत आसान नहीं था।

पुराने चेहरे जिन में सर्वश्री बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, रामविचार नेताम, भैया लाल राजवाड़े, दयाल दास बघेल, सुश्री लता उसेंडी, रेणुका सिंह, अमर अग्रवाल, धर्म लाल कौशिक,विक्रम उसेंडी जैसे कद्दावर नाम शामिल है उनमें से किसी का भी नाम काटना आसान नहीं था। अब सब कुछ फाइनल हो गया है लेकिन कहा जा सकता है कि इस बारे में अंतिम निर्णय लेने में निश्चित रूप से भारी माथापच्ची करनी पड़ी होगी। नए चेहरों में भी कई ऐसे नाम है जो काफी प्रभावशाली नजर आते रहे हैं और इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना तय माना जा रहा था। नए चेहरों में श्रीमती भावना वोहरा, खुशवंत साहब का नाम भी शामिल है।पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी को मंत्रिमंडल में जगह मिल गई है।

छत्तीसगढ़ के नए मंत्रिमंडल को देखें तो अब यहां कई पुराने दिग्गज नेता मंत्रिमंडल में नजर नहीं आएंगे।अजय, चंद्राकर, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत जैसे नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी है। मंत्रिमंडल में चार पुराने चेहरों को शामिल किया गया है जिसमें से वरिष्ठ नेता रामविचार नेताम और केदार कश्यप आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं तो वहीं दयाल दास बघेल अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं।

पिछड़े वर्ग से प्रतिधित्व के तौर पर सर्वश्री ओ पी चौधरी, लखन लाल देवांगन और टंक राम वर्मा को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। महिला वर्ग से नवनिर्वाचित विधायक श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व करेंगी। नए चेहरों में मंत्रिमंडल में विधायक श्याम बिहारी जायसवाल को भी मंत्री बनाया गया है।

महामहिम राज्यपाल श्री हरि चंदन ने मंत्रियों को पद और गोपीता की शपथ ग्रहण कराया। मंत्रियों ने शपथ ग्रहण के पश्चात राज्यपाल का चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, इत्यादि सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ जन उपस्थित थे।

आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति का दामन थामने वाले ओपी चौधरी ने रायगढ़ विधानसभा सीट से रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की. चुनाव प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह के बड़ा आदमी बनाए जाने वाले बयान को सार्थक करते हुए ओपी चौधरी को विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है.2005 बैच के आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी केवल 22 साल में सिविल सर्विसेस के लिए चुन लिए गए थे. 36 साल की उम्र में 2018 में रायपुर कलेक्टर रहते हुए नौकरी छोड़ी थी. उसी साल भाजपा में प्रवेश कर खरसिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. दो जून 1981 को मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे ओपी के पिता दीनानाथ चौधरी एक शिक्षक थे।

जब ओपी दूसरी कक्षा में पढ़ रहे थे, तब उनके पिता का देहांत हो गया था.ओपी चौधरी ने अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा अपने पैतृक गांव ब्यांग से ही पूरी की. खपरैल के स्कूल में ओपी चौधरी ने पढ़ाई की. इसके बाद हायर सेकेंडरी की शिक्षा में पर्याप्त शिक्षक नहीं होने से ओपी चौधरी ने स्वयं ही अपनी पढ़ाई पूरी की. स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने भिलाई से बीएससी की. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से गणित, भौतिकी और इलेक्ट्रानिक्स में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गए. पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में उनका चयन हुआ।

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