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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीछे बीते कुछ महीनों से ईडी पड़ी हुई है. दिल्ली शराब घोटाले में ईडी अरविंद केजरीवाल को 9 बार समन जारी कर चुकी है, मगर अरविंद केजरीवाल एक बार भी पूछताछ में शामिल नहीं हुए. ऐसे में ईडी ने एक और मामले में समन जारी कर अरविंद केजरीवाल की मुसीबत बढ़ा दी है. दरअसल, ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली जल बोर्ड में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के मामले यानी मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज पेश होने के लिए समन भेजा है.
अधिकारियों के अनुसार, अरविंद केजरीवाल को आज यानी सोमवार 18 मार्च को एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी कार्यालय में अधिकारियों के सामने पेश होने और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है. धनशोधन रोधी कानून के तहत दर्ज यह दूसरा मामला है, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक को बुलाया गया है.
दिल्ली शराब घोटाला केस में भी ईडी भेज चुकी है समन
इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किए गए हैं. अरविंद केजरीवाल इस मामले में अब तक आठ समन को अवैध बताते हुए एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं. 55 साल के अरविंद केजरीवाल को इस मामले में नौवां समन जारी कर उन्हें 21 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला में ईडी अरविंद केजरीवाल की पेशी के लिए कोर्ट तक पहुंच चुकी है.
आप ने बताया बैकअप प्लान
बहरहाल, आम आदमी पार्टी ने इसे अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने की ‘बैकअप’ योजना करार दिया है. दिल्ली की मंत्री आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन में इन कार्रवाई के मकसद पर चिंता व्यक्त की और कहा, ‘कोई नहीं जानता कि यह दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) मामला क्या है. ऐसा लगता है कि यह किसी भी तरह केजरीवाल को गिरफ्तार करने और उन्हें लोकसभा चुनाव प्रचार करने से रोकने की बैकअप योजना है.’
क्या हैं ईडी के आरोप
डीजेबी मामले में ईडी ने दावा किया है कि दिल्ली सरकार के विभाग द्वारा दिए गए ठेका में भ्रष्टाचार के माध्यम से प्राप्त धन दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी ‘आप’ को कथित तौर पर चुनावी फंड के रूप में भेजा गया था. ईडी का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें तकनीकी पात्रता मानदंड पूरे नहीं करने पर भी डीजेबी की ओर से एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी को दिए गए 38 करोड़ रुपये के ठेका में अनियमितताओं का आरोप है.
क्या हैं केस
इस मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किए गए लोगों में डीजेबी के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल शामिल हैं. ईडी ने दावा किया कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने ‘जाली’ दस्तावेज जमा करके ठेका हासिल किया और अरोड़ा को इस तथ्य की जानकारी थी कि कंपनी तकनीकी पात्रता पूरी नहीं करती. यह दूसरा मामला है जिसमें ‘आप’ पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है. ईडी ने दावा किया है कि 2021-22 की आबकारी नीति से अर्जित धन का इस्तेमाल पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए किया था.