
ढाका: बांग्लादेश सरकार ने सोमवार को ढाका के इस्कॉन मंदिर पर हुए हालिया हमले के दोषियों को सख्त सजा देने का वादा किया और जोर देकर कहा कि उन्हें उनके धर्म के आधार भी किसी तरह से बख्शा नहीं जाएगा। एक आधिकारिक बयान में, बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार ने इस घटना पर ध्यान दिया और निहित स्वार्थों को देश को बदनाम करने की कोशिश करने के लिए दोषी ठहराया।
बयान में कहा गया है, ‘रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना 17 मार्च, 2022 को हुई थी, जब मोहम्मद शफीउल्लाह (वारी राधाकांत इस्कॉन मंदिर से सटे भूखंड के मालिक) पर अदालत के फैसले के बाद जमीन पर कब्जा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया था। हालांकि, 15-20 लोगों के एक समूह द्वारा उन्हें (इस्कॉन मंदिर के प्रधानाचार्य रूपानुग गौर दास सहित) हिंसा का सामना करना पड़ा।’
बताया गया कि इस्कॉन के सदस्यों ने 2016, 2017 और 2021 में सीआरपीसी की धारा 145 के तहत मोहम्मद शफीउल्लाह के खिलाफ कार्यवाही दर्ज की थी। मामले को खारिज करते हुए, अदालत ने शफीउल्लाह को भूमि का कब्जा (स्वामित्व) लेने की अनुमति देने का आदेश जारी किया था। उसने दावा किया कि उसके पास कानूनी दस्तावेज और जमीन का मूल दस्तावेज है।’
बांग्लादेश सरकार ने पुष्टि की कि कानून प्रवर्तन अधिकारी दोनों पक्षों के संपर्क में हैं और एक सौहार्दपूर्ण समाधान तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार ने कहा, ‘मामले में जांच चल रही है।
दोषियों को उनके धर्म की परवाह किए बिना याद रखे जाने जैसी सजा दी जाएगी।’ इससे पहले गुरुवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 200 से अधिक लोगों की भीड़ ने भक्तों पर हमला किया और इस्कॉन राधाकांत मंदिर में तोड़फोड़ की।