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पाकिस्तान में 9 अप्रैल को इमरान खान की हार तय है या कुछ गेम बाकी है? जानिए गणित…

Pakistan Imrakh Khan government in crisis: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सख्त फैसला सुनाते हुए इमरान खान को चारों खाने चित कर दिया है. इमरान खान ने नेशनल असेंबली को भंग करने के लिए जितने भी तिकड़म रचे थे, लगभग सभी को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है.

यहां तक कि इमरान खान द्वारा नेशनल असेंबली को भंग करने के परामर्श को भी सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली को बहाल करते हुए 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का आदेश दिया है.

इन सब के बीच अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या 9 अप्रैल को इमरान खान की सरकार का गिरना तय है या उनकी ओर से और कोई तिकड़म किया जाना बचा है, जैसा कि इमरान खान अक्सर कहते हैं कि मैं आखिरी बॉल तक खेलूंगा.

आज इमरान फिर देश को संबोधित करेंगे

इस बीच इमरान खान ने ऐलान कर दिया है कि वह इतनी जल्दी हार नहीं मानेंगे. उनकी पार्टी ने चेतावनी दी है कि नेशनल असेंबली के उनके सारे सदस्य एक साथ इस्तीफा दे देंगे. वहीं इमरान खान ने फैसला आने के बाद एक फिर कहा है कि वह आखिरी बॉल तक खेलेंगे.

इस बीच उन्होंने आज यानी शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक भी बुलाई है. उन्होंने कहा कि वे शुक्रवार को एक बार फिर पाकिस्तान को संबोधित करेंगे. इमरान खान ने ट्वीट किया,

मैं हमेशा आखिरी बॉल तक पाकिस्तान के लिए खेलूंगा. इस नजरिए से देखा जाए तो पाकिस्तान में इमरान खान आसानी से सत्ता छोड़ने वाले नहीं है. तो फिर पाकिस्तान में किसी तरह की सियासी रस्साकस्सी बचती है.

9 तारीख को पाकिस्तान में क्या होगा?

दरअसल, इमरान खान की पार्टी पीटीआई के पास बहुमत नहीं है. संसद की निचली सदन नेशनल असेंबली में 342 सदस्य हैं. सत्ता पर काबिज होने के लिए 172 सदस्यों की जरूरत पड़ती है. लेकिन इमरान खान की पार्टी पीटीआई के पास सदन में सिर्फ 155 सदस्य हैं.

इमरान खान की दो सहयोगी पार्टी एमक्यूएम पी और बलूचिस्तान अवामी पार्टी ने उनका साथ छोड़ दिया है. एमक्यूएम के पास 7 जबकि बीएपी के पास 5 सदस्य हैं. इन महत्वपूर्ण सहयोगियों के साथ छोड़ने के अलावा चर्चा है पीटीआई के खुद के 22 सांसद इमरान खान से नाराज हैं.

ऐसे में यह तो तय है कि इमरान खान के पास संसद में बहुमत नहीं है. दूसरी ओर शाहबाज शरीफ के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने 175 सांसदों का दावा किया है. अगर 9 अप्रैल को ये 175 सांसद अपने फैसले पर कायम रहते हैं, तो इमरान खान की सरकार चली जाएगी.

इसके बाद शाहबाज शरीफ की मिलीजुली सरकार बनेगी. लेकिन इन विपक्षी दलों में कई पार्टियां हैं जिनके अलग-अलग मत हैं. ऐसे में शाहबाज शरीफ की सरकार तभी बनेंगी जब ये एकजूट रहेंगे. इसके बाद सरकार के स्थायित्व की चुनौती होगी.

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