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इमरान खान को सचिवालय ने PM पद से हटाया, अब इनके हाथ गई पाकिस्तान की सरकार

इस्लामाबाद. इमरान खान (Imran Khan) के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद पाकिस्तान (Pakistan Political Crisis) में हालात तेजी से बदल रहे हैं. सियासी उठापटक के बीच रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली भंग कर दी है.

अब 90 दिन के भीतर चुनाव कराए जाएंगे. असेंबली भंग होने के कुछ देर बाद पाकिस्तान सरकार की ओर से जारी नए सर्कुलर में दावा किया गया है कि इमरान खान आधिकारिक तौर पर अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं हैं. इससे पहले पाक के निवर्तमान मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि अनुच्छेद 224 के तहत इमरान खान फिलहाल 15 दिन तक कार्यवाहक पीएम बने रहेंगे.

रविवार देर शाम पाकिस्तान सरकार की ओर से नया सर्कुलर जारी किया गया. जिसमें लिखा गया है, “पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा पाकिस्तान विधानसभा को भंग करने के बाद संसदीय मामलों के मंत्रालय, 3 अप्रैल, 2022,

पाकिस्तान के इस्लामी गणराज्य के संविधान के अनुच्छेद 48(1) के साथ पढ़े गए अनुच्छेद 58(1) के अनुसार, इमरान अहमद खान नियाज़ी के पाकिस्तान प्रधान मंत्री के पद को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है.”

पाकिस्तान से मंत्रियों का विदेश जाना जारी

सियासी उठापटक के बीच पाकिस्तान से मंत्रियों का विदेश जाना जारी है. अब इमरान की पत्नी बुशरा बीबी की सहेली दुबई चली गई है. जानकारी के मुताबिक, बुशरा बीबी की करीबी सहेली फराह खान दुबई भाग गई हैं. फराह खान पर विपक्षी पार्टियां लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही हैं.

फराह खान के साथ-साथ इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अन्य नेता भी अब विदेश जा रहे हैं, ऐसी खबरें हैं. जानकारी के मुताबिक, फराह रविवार को दुबई गई हैं. उनके पति भी उधर ही रहते हैं.

डिप्टी स्पीकर खारिज किया था अविश्वास प्रस्ताव

रविवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग करने के कुछ घंटों बाद इमरान खान ने कैबिनेट को भंग कर दिया था. इससे पहले पाक नेशनल एसेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया था.

पाक सरकार के कैबिनेट सचिव के नोट से यह स्पष्ट होता है कि इमरान खान अब प्रधानमंत्री नहीं हैं और सरकार देश की नौकरशाही से चल रही है.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है मामला

वहीं. विपक्ष ने सदन भंग करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित करते हुए कहा कि नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा शुरू किए गए सभी आदेश और कार्रवाई अदालत के आदेश के अधीन होगी.

पाक सेना का राजनीतिक लड़ाई से किनारा

उधर, सर्वशक्तिमान पाकिस्तानी सेना ने राज्य की राजधानी में चल रही राजनीतिक घटनाओं में किसी भी भूमिका से इनकार कर दिया है. सेना के जनसंपर्क विंग के प्रमुख मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा,

“सेना का राजनीतिक प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है.” सदन के विघटन का मतलब है कि अगली सरकार का चुनाव करने के लिए तीन महीने के भीतर चुनाव होंगे.

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