![IMAGE 77](https://shashwatkalam.com/wp-content/uploads/2022/04/IMAGE-77.jpg)
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana) ने कोरोना महामारी के दौरान देश में एक बड़े आर्थिक संकट को टाल दिया और गरीबी को रोकने में यह योजना कामयाब रही.
आईएमएफ की इस रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने वैश्विक महामारी के दौर में भी भारत में अत्यंत गरीबों की संख्या में वृद्धि नहीं होने दी. ”महामारी, गरीबी और असमानता: भारत से सबूत” नाम से यह रिपोर्ट भारत, बांग्लादेश,
भूटान और श्रीलंका के लिए आईएमएफ के कार्यकारी निदेशक और भारतीय प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व अंशकालिक सदस्य सुरजीत भल्ला, न्यूयॉर्क स्थित अर्थशास्त्री करण भसीन और भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी द्वारा लिखी गई है.
IMF की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में भारत में 1 प्रतिशत से भी कम आबादी अत्यंत गरीबी में रह रही थी और 2020 में महामारी के दौरान भी यह आंकड़ा लगभग इतना ही रहा.
भारत में अत्यंत गरीबी बढ़ने की आशंका जताई गई थी
इससे पहले की कुछ स्टडीज में महामारी के कारण भारत में अत्यंत गरीबी बढ़ने की आशंका व्यक्त की गई थी. जून, 2020 में जारी की गई अपनी एक रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र यूनिवर्सिटी के UNU-WIDER ने कहा था कि महामारी के कारण दुनियाभर में 39.5 करोड़ लोग अत्यंत गरीबी के गर्त में जा सकते हैं.
वहीं संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव टोनियो गुटेरेस ने 2021 में 4.9 करोड़ लोगों के अत्यंत गरीबी का शिकार होने की आशंका जताई थी. इसी तरह अगस्त, 2020 में विश्व बैंक ने कहा था कि महामारी के कारण 10 करोड़ लोग अत्यंत गरीब हो चुके हैं.
मुफ्त खाद्यान्न योजना से भारत में गरीबी पर अंकुश लगा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रतिदिन 1.90 अमेरिकी डॉलर (लगभग 143 रुपये) से कम कमाने वाले लोगों को अत्यंत गरीब माना जाता है. इससे पहले हुई कुछ स्टडीज में कोरोना महामारी के कारण भारत में अत्यंत गरीबों की संख्या बढ़ने की आशंका व्यक्त की गई थी. इस रिपोर्ट में कहा गया है,
“प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना भारत में अत्यंत गरीबों की संख्या में वृद्धि रोकने में अहम साबित हुई. महामारी के दौरान राशन को दोगुना और मुफ्त करना कोविड के कारण गरीबों की कमाई में हुई कमी के असर को कम करने में मददगार रहा.”
महामारी के कारण लोगों की कमाई में कमी अस्थायी
IMF के अनुसार, “लगातार 1 साल, जिसमें से 1 साल महामारी का रहा, तक अत्यंत गरीबी के कम स्तर को अत्यंत गरीबी का उन्मूलन माना जा सकता है.” इस रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के कारण लोगों की कमाई में कमी अस्थायी है और अस्थायी राजकोषीय नीतियां इसके एक बड़े हिस्से को निष्क्रिय करने में कामयाब रही हैं.
गरीबी के निर्धारण में अहम माने जाने वाली खपत वृद्धि 2014-19 में 2004-11 के बीच हुई तेज वृद्धि से भी अधिक रही. आईएमएफ की इस रिपोर्ट में नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) के 2017-18 के उपभोक्ता व्यय सर्वे के आंकड़ों का भी विश्लेषण किया गया है.
जानिए क्या है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना?
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देशभर के राशनकार्ड धारकों को प्रति महीने प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम अनाज (गेंहू और चावल) मुफ्त दिया जाता है. इस योजना के समयकाल को केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है.
कोरोना महामारी की शुरूआत के समय मार्च, 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का ऐलान किया था और जो अप्रैल, 2020 से पूरे देश में लागू हुई थी. केंद्र सरकार के अनुसार, इस योजना से देश के 80 करोड़ लोगों को सीधा लाभ मिलता है.