देशव्यापार

16 जनवरी को अब राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाया जायेगा, पीएम नरेंद्र मोदी ने किया ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्टअप इकाइयों को नए भारत का ‘आधार-स्तंभ’ बताते हुए शनिवार को कहा कि हर साल 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाया जाएगा।  प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों के स्टार्टअप कारोबारियों को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए कहा, ”स्टार्टअप की यह संस्कृति देश के दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचे, इसके लिए 16 जनवरी को अब राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया है।
     
उन्होंने स्टार्टअप को सरकारी प्रक्रियाओं के जाल से मुक्त कराने के लिए उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक भाग के रूप में, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा 10 से 16 जनवरी तक एक सप्ताह चलने वाले कार्यक्रम, ‘सेलिब्रेटिंग इनोवेशन इको-सिस्टम’, का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत ही प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप कारोबारियों को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को बताया था कि यह आयोजन स्टार्टअप इंडिया पहल के शुभारंभ की छठी वर्षगांठ के मौके पर किया जा रहा है। मोदी ने इस मौके पर कहा, ”मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके सभी सुझावों, विचारों और नवाचारों को सरकार से पूरा समर्थन मिलेगा।” उन्होंने कहा कि स्टार्टअप नए भारत का आधार-स्तंभ बनेंगे और देश ‘भारत के लिए नवोन्मेष’ और ‘भारत से नवोन्मेष’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के स्टार्टअप खुद को आसानी से दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचा सकते हैं, इसलिए उन्हें अपने सपनों को स्थानीय (लोकल) नहीं, बल्कि वैश्विक (ग्लोबल) बनाना चाहिए।
     
प्रधानमंत्री ने कहा, ”वर्ष 2013-14 में जहां चार हजार पेटेंट को स्वीकृति मिली थी, वहीं पिछले वर्ष इनकी संख्या 28 हजार से ज्यादा हो गई। वर्ष 2013-14 में जहां करीब 70 हजार ट्रेडमार्क पंजीकृत हुए थे, वहीं 2020-21 में ढाई लाख से ज्यादा ट्रेडमार्क पंजीकृत किए गए हैं।”
     
उन्होंने यह भी कहा कि 2013-14 में जहां सिर्फ चार हजार कॉपीराइट दिए गए थे, वहीं पिछले साल इनकी संख्या बढ़कर 16 हजार के भी पार हो गई है। उन्होंने कहा कि आज देश में 60,000 से अधिक स्टार्टअप इकाइयां हैं। बीते साल 42 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाली इकाइयां) देश में बने हैं। अब भारत तेजी से यूनिकॉर्न का ‘शतक’ लगाने की ओर बढ़ रहा है।  

प्रधानमंत्री ने कहा कि हज़ारों करोड़ रुपये की ये कंपनियां आत्मनिर्भर होते, आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं। उन्होंने कहा, ”मैं मानता हूं, भारत के स्टार्टअप का स्वर्णिम काल तो अब शुरू हो रहा है। नवोन्मेष को लेकर भारत में जो अभियान चल रहा है, उसी का प्रभाव है कि वैश्विक नवोन्मेषण सूचकांक में भी भारत की रैंकिंग में बहुत सुधार आया है। 2015 में इस रैंकिंग में भारत 81वें नंबर पर था। अब इस सूचकांक में भारत 46वें स्थान पर है।” 
     
मोदी ने कहा, ”भविष्य की प्रौद्योगिकियों के लिए अनुसंधान और विकास में निवेश सरकार की प्राथमिकता है।”।उन्होंने कहा कि इस दशक में नवोन्मेषण, उद्यमिता और स्टार्टअप के पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार जो बड़े पैमाने पर बदलाव कर रही है, उसके तीन अहम पहलू हैं। ”पहला है उद्यमिता को, नवोन्मेषिता को सरकारी प्रक्रियाओं के जाल से मुक्त कराना; दूसरा, नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत प्रणाली बनाना तथा तीसरा, युवा नवोन्मेषकों, उद्यमियों को समर्थन देना।”
     
प्रधानमंत्री ने कहा, ”हमारा प्रयास, देश में बचपन से ही विद्यार्थियों में नवाचार के प्रति आकर्षण पैदा करने, नवाचार या नवोन्मेषण को संस्थागत रूप प्रदान करने का है।” उन्होंने कहा कि चाहे ड्रोन संबंधी नए नियम हों, या फिर नई अंतरिक्ष नीति, सरकार की प्राथमिकता, ज्यादा से ज्यादा युवाओं को नवोन्मेषण का मौका देने की है।

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