
Publish Date: | Tue, 30 Nov 2021 11:54 PM (IST)
धमतरी। एक तरफ पूरा जिला प्रशासन और शासन के तमाम विभाग हरियाली को सहेजने और अधिक से अधिक संख्या में पौधरोपण के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन अपने ही द्वारा खास तिथियों में रोपे गए पौधों को उखाड़कर वहां पर भवन का निर्माण करा रहा है। लोगों का कहना है कि भवन निर्माण के लिए पौधों को उखाड़ना सही बात नहीं है। इसकी जगह अन्य स्थान पर भवन का निर्माण कराया जाना चाहिए ताकि लोगों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर बेहतर संदेश जा सके।लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने और खास तिथियों को सहेजने के उद्देश्य से ग्राम रुद्री के रुद्रेश्वर महादेव मंदिर के पास सन 12,12, 2012 की खास तिथि में जिले के तात्कालिक कलेक्टर , जनप्रतिनिधियों व आम नागरिकों ने इस खास तिथि को सहने के लिए बड़े पैमाने पर यहां पौधरोपण किया था। पौधरोपण के बाद यहां पर हरियाली की चादर बिछने की आस थी। कुछ समय तक देखरेख होता रहा बाद में देख रहे में कमी आने लगी। वर्तमान में जिस स्थान पर पौधरोपण हुआ था उस वहां कई पौधों को उखाड़ कर राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत साढ़े सात लाख की लागत से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्य( शेड निर्माण) किया जा रहा है। इसकी प्रशासकीय स्वीकृति सात लाख 65 हजार रुपये है। अभिसरण करता क्रियान्वयन एजेंसी का नाम ग्राम पंचायत रुद्री है। जागरूक लोगों का कहना है कि किसी भी शासकीय भवन के लिए अन्य स्थान का चयन किया जाना चाहिए था। जिस स्थान पर लोगों की भावनाएं जुड़ी हो वहां पर इस तरह से भवन का निर्माण किया जाना उचित नहीं लगता।—जानकारी नहीं हैरुद्री के जिस स्थान पर पौधारोपण हुआ था वह मेरे कार्यकाल का नहीं है। वर्तमान निर्माण की पूरी जानकारी नहीं है।-देवदास मानिकपुरी, सचिव ग्राम पंचायत रुद्री—–स्थिति का जायजा ले ले लेता हूंकिसी भी शासकीय भूमि पर पौधरोपण करने की जिम्मेदारी वन विभाग की होती है। जिस भूमि पर पौधरोपण हुआ था वह भूमि राजस्व की भूमि है। इसकी देखरेख राजस्व विभाग को करनी चाहिए मुझे इसकी जानकारी नहीं है। स्थिति का जायजा ले ले लेता हूं।-महादेव कन्नौौजे, वन परिक्षेत्र अधिकारी धमतरी–12.12.2012 को सहेजने हुआ था पौधारोपणवर्ष 2012 में रुद्री स्थित महानदी किनारे पर तात्कालिक कलेक्टर एनएस मंडावी व वन विभाग द्वारा 12 दिसंबर 2012 के दिन को यादगार बनाने के लिए पौधरोपण किया गया। पौधरोपण को मानव निर्मित हरित वन सृजन का नाम दिया गया। इस दिन यहां 12 बजकर 12 मिनट में 1212 छात्र-छात्राओं द्वारा 12 प्रजातियों के 1212 पौधे रोपे गए। दो साल में यहां फलदार पौधे तैयार हो गए जो वास्तव में आकर्षण का केंद्र थे, लेकिन कुछ सालों बाद यहां के पौधों की देखरेख में कमी आने लगी। कई रंग-बिरंगे फूलों के पौधों की यहां से चोरी होने लगी।
Posted By: Nai Dunia News Network