
भाटापारा- छाल। फल का छिलका और फल का दूध, कम से कम पांच ऐसी बीमारी दूर करता है, जिनसे हम हर रोज दो- चार होते हैं। जी हां, बात हो रही है गूलर की। औषधीय गुणों से परिपूर्ण, गूलर से बनी दवाएं अब औषधालयों में पहुंचने लगीं हैं।
अंजीर की तरह दिखने वाला गूलर का फल, कई तरह की विशेषताओं के साथ औषधि निर्माता कंपनियों तक पहुंच चुका है। इसके अलावा यह कम से कम पांच ऐसी बीमारी को दूर करने के गुणों के साथ औषधालयों में अपनी उपस्थिति दिखाने लगा है, जिनसे हर कोई किसी न किसी रूप में पीडि़त होता आया है। अनुसंधान में इन गुणों की पहचान के बाद, अब इसकी उपयोगिता बढ़ती नजर आती है।
गूलर की छाल
नाक से खून आने, याने नकसीर की शिकायत दूर करने के लिए इसकी छाल को बेहद उपयोगी पाया गया है। सूखी छाल को पीसने के बाद, कम से कम 20 से 30 ग्राम की मात्रा में इसका पाउडर पानी के साथ मिलाकर तालू पर लगाएं। आराम मिलेगा।
फल से दूर होगा पेट दर्द
गूलर के फल में पेट दर्द को दूर करने की क्षमता का भी खुलासा हुआ है। मानक मात्रा में सेवन से ना केवल पेट दर्द से आराम मिलता है बल्कि गैस की लगातार होने वाली समस्या से भी छुटकारा मिलता है। याने यह इस शारीरिक व्याधि के लिए भी रामबाण है।
दूध में मिले यह गुण
गूलर के फल के दूध में दो ऐसी समस्या खत्म करने के गुण मिले हैं, जो दैनिक जीवन में आम है। दस्त रोकने के लिए बताशा में दूध की कुछ बूंदे सेवन के बाद राहत देतीं हैं, तो घाव में लगाने पर भी यह न केवल राहत देता है बल्कि जल्द ठीक भी करता है।
रस और छिलका
गूलर के फल के छिलके में मधुमेह को खत्म करने के गुण के भी होने का खुलासा हुआ है। छिलकों को सुखाने के बाद उसे पाउडर का रूप दें। फिर मात्र 6 ग्राम की मात्रा में मिश्री के साथ सेवन करें। काबू में रहेगा मधुमेह। गूलर के फल का रस उन महिलाओं के लिए बेहद उपयोगी है जिन्हें ल्यूकेरिया परेशान करती आ रही है। मात्र 5 ग्राम रस का सेवन मिश्री के साथ करने से आराम का मिलना पाया गया है।
आयुर्वेद में गूलर का वृक्ष, औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। फल, रस और छाल में कई तरह की बीमारियों की रोकथाम के औषधिय गुण हैं।