छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री साय ने बीजापुर में एक सभा में कहा कि कांग्रेसी जगह-जगह फार्म भरवा कर जनता को ठग रहे

मुख्यमंत्री साय ने बीजापुर में एक सभा में कहा कि कांग्रेसी जगह-जगह फार्म भरवा कर जनता को ठग रहे हैं कि उनकी सरकार बनी तो महिलाओं को हर महीने आठ हजार और साल में एक लाख देंगे। यह तो वो भी जानते हैं कि न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी। साय ने कहा कि प्रदेश की जनता ने पहले ही छत्तीसगढ़ की सत्ता भाजपा को सौंप दी है और केंद्र में कांग्रेस के आने की कोई संभावना ही नहीं है। कांग्रेस को प्रत्याशी तक नहीं मिल रहे हैं। हर दिन कांग्रेसी अपनी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो रहे हैं। सब जानते हुए भी कांग्रेसी जनता को ठगने का नया पैंतरा ले कर आए हैं, जिसका जनता करारा जवाब देगी।

केंद्रीय राज्य मंत्री आठवले ने मुख्यमंत्री साय से की सौजन्य मुलाकात
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री साय से सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर साय ने पुष्पगुच्छ भेंट कर रामदास आठवले का स्वागत किया और छत्तीसगढ़ में उनकी सरकार द्वारा 100 दिन में किए गए जनहित, विकास के कार्यों सहित विभिन्न समसामयिक विषयों पर सारगर्भित की।

साय ने आठवले की तारीफ में कहा कि “एक सरल, सहज और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी केंद्र में मंत्री रामदास आठवले से आज मुख्यमंत्री निवास में आत्मीय मुलाकात हुई। अपनी बेजोड़ भाषण शैली और वाकपटुता से जन-जन में लोकप्रिय आठवले से विभिन्न विषयों पर सार्थक और सारगर्भित चर्चा की।

दादा नकुल देव के दिखाए गए मार्ग पर चलकर हमें जनसेवा करना है: सीएम

गुरु घासीदास जयंती की शुरुआत करने वाले, पृथक छत्तीसगढ़ राज्य के लिए प्रथम सत्याग्रह करने वाले दादा नकुल देव ढीढी की 110वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय शामिल हुए। महासमुंद के तुमगांव में आयोजित कार्यक्रम में साय ने दादा नकुल देव की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी विनम्र श्रद्धांजलि दी।

उन्होंने कहा कि परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास की जयंती की शुरुआत करने वाले दादा नकुलदेव ढीढी की जयंती पर उनको सादर नमन, विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि एक छोटे से गांव के रहने वाले दादा नकुल देव ने समाजसेवा और लोकहित के लिए अपना जीवन समर्पित किया। समाज को निःस्वार्थ भाव से अपने 150 एकड़ जमीन को दान कर दिया। ऐसे व्यक्ति बहुत विरले ही मिलते हैं। उनके बताए मार्गों पर चलकर हम सबको समाजसेवा करना है, उनकी जयंती मनाने की यही सार्थकता है।

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