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आजकल व्यंजनों में, खासकर चायनीज वैरायटी में, एक सफेद पाउडर या क्रिस्टल के रूप में
मोनो सोडियम ग्लुटामेट (MSG) नामक कैमिकल जिसे दुनिया अजीनोमोटो के नाम से जानती है, का प्रयोग बहुत बढ़ गया है, बिना यह जाने कि यह वास्तव में क्या है?
अजीनोमोटो नाम तो असल में इसे बनाने वाली मूल चायनीज कम्पनी का है। यह एक ऐसा कैमिकल है, जिसके जीभ पर स्पर्श के बाद जीभ भ्रमित हो जाती है और मस्तिष्क को झूठे संदेश भेजने लगती है। जिस सें सड़ा-गला या बेस्वाद खाना भी अच्छा महसूस होता है। इस कैमिकल के प्रयोग से शरीर के अंगों-उपांगों और मस्तिष्क के बीच न्यूरोंस का नैटवर्क बाधित हो जाता है, जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं।
चिकित्सकों के अनुसार अजीनोमोटो के प्रयोग से
- एलर्जी,
- पेट में अफारा,
- सिरदर्द,
- सीने में जलन,
- बाॅडीे टिश्यूज में सूजन,
- माइग्रेन आदि हो सकते है।
अजीनोमोटो से होने वाले रोग इतने व्यापक हो गये हैं कि अब इन्हें चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम कहा जाता है। दीर्घकाल में Brain Hemorrhage हो सकता है जिसकी वजह से लकवा होता है। अमेरिका आदि बहुत से देशों में अजीनोमोटो पर प्रतिबंध है। न जाने फूड सेफ्टी एण्ड स्टैन्डर्ड अथाॅरिटी आॅफ इंडिया’ ने भारत में अजीनोमोटो को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया है?
इस पोस्ट को पढनेवालो से अपील है कि दावतों में हलवाई द्वारा मंगाये जाने पर उसे अजीनोमोटो लाकर ना दे। हलवाई कहेगा कि चाट में मजा नहीं आयेगा, फिर भी इसका पूर्ण बहिष्कार करें। कुछ भी हो, दावत खाने वाले आपके प्रियजन हैं, आपके यहां दावत खाकर वे बीमार नही पड़ने चाहिए। जब आपने बाकि सारा बढ़िया सामान लाकर दिया है तो लोगों को अजीनोमोटो के बिना भी खाने में, चाट में पूरा मजा आयेगा, आप निश्चिंत रहें। अजीनोमोटो तो हलवाई की अयोग्यता को छिपाने व होटलों, ढाबों, कैटरर्स, स्ट्रीट फूड वैंडर्स द्वारा सड़े-गले सामान को आपके दिमाग को पागल बनाकर स्वादिष्ट महसूस कराने के लिए डाला जाता है। क्या हलवाई की अयोग्यता का दंड अपने प्रियजनों को देंगे?