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छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना देश के लिए बनी नजीर, 100 करोड़ की गोबर खरीदी

गोधन न्याय योजना और गौठान की निरीक्षण करने के लिए संसद की स्थाई समिति की टीम रायपुर पहुंची. समिति के अध्यक्ष पीसी गड्डीगौडर की अगुवाई में 13 सदस्यों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की.

Bhupesh baghel

भूपेश बघेल (Photo Credit: File Photo )

highlights

  • छत्तीसगढ़ सरकार ने 100 करोड़ की गोबर की खरीदी की है.
  • गोधन न्याय योजना को संसद की स्थाई समिति ने भी सराहा है
  • इस योजना से ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे

नई दिल्ली :

छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को लेकर देश भर में तारीफ हो रही है. गोधन न्याय योजना को संसद की स्थाई समिति ने भी सराहा है. प्रदेश की गोधन न्याय योजना और गौठान की निरीक्षण करने के लिए संसद की स्थाई समिति की टीम रायपुर पहुंची. समिति के अध्यक्ष पीसी गड्डीगौडर की अगुवाई में 13 सदस्यों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की. समिति के सदस्यों ने कांग्रेस सरकार की गोधन न्याय योजना से लेकर कृषि की बेहतरी के लिए किए जा रहे प्रयासों को जमकर सराहा है. वहीं मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान संसद की समिति ने भी माना कि ये योजना देश के लिए एक नजीर है. समिति ने इस योजना को पूरे देश में लागू करने की भी अनुशंसा की.

दरअसल कृषि पशुधन और स्वरोजगार से ग्रामीण अंचल के लोगों को लगातार मजबूती मिल रही है. और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है. न्यूज़ नेशन से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गोधन न्याय योजना के मद्देनजर अब तक छत्तीसगढ़ सरकार ने 100 करोड़ की गोबर की खरीदी की है. जो अपने आप में एक इतिहास है. हमारी सरकार ग्रामीण अंचल के विकास के लिए सतत कार्य करती रहेगी.

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क्या है छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना ?

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जुलाई 2020 में गोधन न्याय योजना की शुरुआत की थी. इस योजना में पशुपालकों और ग्रामीणों से ₹2 प्रति किलो की दर से गोबर खरीदा जाता है. खरीदे गए गोबर से कंपोस्ट खाद बनाया जाता है. जिसके बाद किसानों को कम दाम पर जैविक खाद उपलब्ध कराई जाती है. 

गोधन न्याय योजना का मकसद

छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना योजना जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए और ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के मकसद से शुरू किया गया. 

1. जैविक खेती को बढ़ावा
2. पशुपालकों की आमदनी में वृद्धि.
3. फसलों की चराई पर रोक लगाना
4. जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देना.
5. स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धता.
6. भूमि की उर्वरता में सुधार.
7.रासायनिक उर्वरक उपयोग मे कमी लाना.
8. ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर रोजगार के नए अवसर

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First Published : 09 Sep 2021, 02:41:23 PM

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