दुर्ग

बाल संरक्षण समिति की बैठक -बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल उन्नयन के लिए ठोस पहल करें-कलेक्टर

दुर्ग / जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में बाल संरक्षण से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा के साथ ही इससे संबंधित लंबित प्रकरणों की समीक्षा की गई। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि बाल संप्रेषण गृह, विशेष गृह, प्लेस ऑफ सेफ्टी, बाल गृह, मदरसा अषरफिया, बालगृह, विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी एवं खुला आश्रय गृह में रहने वाले बच्चों पर विशेष निगरानी रखें। उन्होंने कहा कि यहां निवासरत बच्चों के शिक्षा स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके कौशल उन्नयन के लिए ठोस पहल सुनिश्चित करें। बैठक में कलेक्टर ने प्रमुखता से जोर देते हुए कहा कि जिले में कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बालकों के लिए शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित हो। किसी भी दशा में अनाथ हुए कोई भी बच्चा महतारी दुलार योजना से लांभान्वित होने से वंचित न हो, इसे ध्यान में रखें। इन संस्थाओं में रहने वाले बच्चों के कौशल उन्नयन के लिए प्लेसमेंट के माध्यम से विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने कहा गया है।

बैठक में चैक-चाराहों में कोई भी बच्चा भीख मांगते न मिले इसकी भी मॉनिटरिंग करते रहने कहा गया है। इसके अलावा कई बार यह देखने में पाया गया है कि छोटे बच्चे को गोद में लेकर परिजन चैक-चैराहे में लेकर भीख मांगते हुए मिले हैं ऐसे परिजनों की काउंसलिंग और समझाइश देने कहा गया है। इस दशा में महिला पुलिस एवं बाल संरक्षण समिति की संयुक्त समन्वय से समझाइश देकर उन्हें बच्चों को भिक्षावृत्ति से दूर रखने की दिशा में पहल करने कहा गया है। चाइल्ड लाईन में रहने वाले बच्चे के स्वास्थ्य जांच करने और नशा में लिप्त बच्चे के लिए नशा मुक्ति हेतु उपचार की व्यवस्था भी करने कहा गया है।

बैठक में लंबित प्रकरणों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने कहा कि बच्चे से संबंधित कोई भी प्रकरण लंबित न रखें। संवेदनशीलता से लंबित प्रकरणों का निपटारा करें, जिससे बच्चे के सर्वांगीण विकास और देखरेख में कोई बाधा उत्पन्न न हो। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में बाल संप्रेषण गृह में 28, विशेष गृह में 04, प्लेस ऑफ सेफ्टी में 34, बाल गृह में 07, मदरसा बाल गृह में 23, खुला आश्रय गृह में 10 एवं विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी में 07 बच्चे निवासरत हैं। महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने बताया कि समय-समय पर इन बच्चों की मॉनिटरिंग समिति द्वारा की जाती है। कोई भी समस्या या शिकायत का निराकरण समिति के द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि बच्चों का समय-समय पर स्वास्थ्य जांच के लिए विशेष टीम गठित किया गया है।

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