दुर्ग / आज कलेक्ट्रेट सभागृह में जिले के 171 वार्ड के लिए गठित व्यय संपरीक्षक दल के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था। जिसमें के एल भारती ने उपस्थित सदस्यों को निर्वाचन में संपरीक्षक विषय पर दिशा निर्देश एवं प्रशिक्षण दिया। निर्वाचन व्यय पर बारीकी से निगरानी रखने के लिए आयोग द्वारा निर्वाचन व्यय प्रेक्षकों की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा प्रत्येक निकाय में निर्वाचन व्यय संपरीक्षक की नियुक्ति भी की गई है।
प्रत्येक निकाय में व्यय संपरीक्षक की नियुक्ति उस निकाय के आकार अर्थात उसमे स्थित वार्डों के आधार पर की गई है। प्रशिक्षण में निर्वाचन व्यय संपरीक्षक के दायित्वों पर भी चर्चा की गई। जिसमें अभ्यर्थी द्वारा संधारित निर्वाचन व्यय लेखा का प्रतिदिन का लेखा जोखा का संपरीक्षण एवं जांच किया जाएगा। निर्वाचन व्यय संपरीक्षक, नगरपालिका निर्वाचन क्षेत्र(वार्ड) के अभ्यर्थियों द्वारा संधारित निर्वाचन व्यय लेखा रजिस्टर नाम वापसी की तारीख से मतदान की तारीख के बीच दो बार अनिवार्य रूप में जांच करेगा।
निर्वाचन व्यय के दिन प्रतिदिन के लेखा रजिस्टर में प्राप्तियां, भुगतान संबंधी विसंगतियां पाये तो उस के संबंध में टिप्पणी अंकित की जाएगी एवं प्रतिवेदन रिटर्निंग आफिसर/जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ-साथ व्यय संपरीक्षक आयोग के निर्देशो एवं विधिक प्रावधानों का भलीभाति अध्ययन करें ताकि कर्तव्य निर्वहन में आसानी हो। निर्वाचन क्षेत्र में व्यय हेतु सामग्रियों/सेवाओं की कलेक्टर द्वारा निर्धारित मानक दरों की सूची पर भी विशेष चर्चा की गई। इस अवसर पर उप जिला निवार्चन अधिकारी खेमलाल वर्मा, सुशील गजभिये संभागीय संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन, देवेन्द्र चौबे उपसंचालक कोष लेखा एवं पेंशन एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।