दुर्ग

चारागाह से मिल्क रुट तक गौठान के माध्यम से आर्थिक विकास के लिए युद्ध स्तर पर करें काम

आर्थिक विकास के लिए किस तरह से गेमचेंजर हो सकती है एनजीजीबी योजना, इसके बारीक पहलुओं को समझाया समीक्षा बैठक में जहाँ धीमी प्रगति वहां होगी सख्त कार्रवाई
दुर्ग / राज्य शासन की महत्वकांक्षी नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के माध्यम से जिले की आर्थिक विकास की तस्वीर तेजी से बदल रही है लेकिन अभी हम इसकी असीमित संभावनाओं का दोहन नहीं कर पा रहे। सभी विभाग प्रमुख योजनाओं की मॉनिटरिंग करें, स्थानीय अमले को निर्देशित करें जहां अच्छा काम हो रहा है, उसे मॉडल के रूप में दूसरे जगहों में अपनाए। जहां पर कार्य में यथोचित प्रगति नहीं हो पा रही है, वहां अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। यह निर्देश जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन ने नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना की समीक्षा बैठक के दौरान कही।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि चारागाह विकास को ही लें, चारागाह विकास के माध्यम से हम पशुओं को उन्नत पोषक आहार उपलब्ध करा सकते हैं। इसके साथ ही यदि नस्ल सुधार का कार्य भी किया साथ-साथ होता रहे तो चारागाह विकास के अधिकतम लाभ हमें प्राप्त होंगे। इसके माध्यम से हम मिल्क रूट विकसित कर पाएंगे और मिल्क रूट के माध्यम से अधिकतम आर्थिक विकास हासिल कर पाएंगे। सीईओ ने कहा कि इसके लिए नियमित मॉनिटरिंग बहुत आवश्यक है, कई गौठान में अच्छा कार्य हो रहा है, चारागाह विकसित किए गए हैं लेकिन कुछ जगहों पर अभी तक अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई है।

चारागाह के विकास के लिए गौठान समिति का भी नियमित सहयोग ले। इसके लिए आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन गौठान को उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि पशुधन के अतिरिक्त बाड़ी विकास के माध्यम से भी किसान अतिरिक्त आय हासिल कर सकते हैं। जैसे वे गोधन न्याय योजना के माध्यम से यह आय हासिल कर रहे हैं। सीईओ ने कहा कि इस तरह से नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना समेकित विकास का आधार है। सीईओ ने कहा कि गौठान समिति का गठन राज्य शासन द्वारा लिया गया है ताकि गौठान को तकनीकी मार्गदर्शन मिल पाए तथा बेहतर मार्गदर्शन में अच्छा कार्य कर सकें।

यह देखते रहे कि गौठान समिति प्रभावी रूप से कार्य करती रहे और इस के मार्गदर्शन में गौठान बेहतर काम करते रहें। सीईओ ने कहा कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के माध्यम से शासन द्वारा बड़े तबके को बीमित किया गया है, जिन्हें बीमा सुरक्षा का लाभ दिया जाना है, उन्हें चिन्हाकित कर इस संबंध में लाभ दिलाए जाने की कार्रवाई की निरंतर मॉनिटरिंग करते रहे।

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