छत्तीसगढ़

आदिवासी अंचलों के मेधावी स्कूली बच्चों में छिपी है गजब प्रतिभा, तराश रहा वनवासी विकास शिक्षण



बिलासपुर । वनवासी कल्याण आश्रम और विद्या भारती के संयुक्त प्रयास से सरस्वती शिशु मंदिर तिलकनगर में दूरदराज से पहुंचे आदिवासी बच्चे गणित विज्ञान इंग्लिश का प्रशिक्षण ले रहे हैं। खास यह है कि शहरी आवोहवा चकाचौंध अति आधुनिक सुविधाओं से दूर इन बच्चों में विषय ज्ञान पाने के लिए गजब की जिज्ञासा है। इनका पॉजिटिव रिस्पांस शिक्षकों को भी पढ़ाने के लिए प्रेरित रहा है। शिक्षक शिष्य की आदर्श क्लास का उदाहरण देखने मिल रहा है।
शिक्षक चंद्रशेखर बिठालकर , श्रीमती ए शर्मा , अंजली पाठक , भरत श्रीवास , माधुरी बापते , संस्कार श्रीवास्तव , शिवराम चौधरी इन बच्चों का जीवन संवारने में लगे हुए हैं। कैरियर निर्माण, विषय चयन, भारतीय संस्कृति और सनातन समाज,वैज्ञानिक दृष्टिकोण, श्रेष्ठ नागरिक बनने की दृष्टि से प्रशिक्षण शामिल है। सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डा. भुवनसिंह राज के प्रयास से सरस्वती शिशु मंदिर तिलकनगर में पिछले कई साल से शिक्षण हो रहा है। सुबह 5 बजे से जागरण योगाभ्यास प्रात: कालीन विज्ञान, गणित, अंग्रेजी का शिक्षण स्वाध्याय, खेल पूरा अनुशासन देखने मिल रहा है। भारतमाता आरती देशकाल समाज के विषयों पर आधारित विषय विशेषज्ञों के द्वारा लिए जाने वाले बौद्धिक कालखंड के माध्यम से बच्चों में नैतिक शिक्षा सर्वांगीण विकास हो रहा है। चिकित्सक बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं। बच्चे काफी जिज्ञासु हैं और वह शिक्षकों से खुलकर सवाल पूछ कर उनका समाधान प्राप्त कर रहे हैं।

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