
Publish Date: | Sat, 27 Nov 2021 11:53 PM (IST)
गरियाबंद। गरियाबंद वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम मरौदा, छिंदौला, बम्हनी, काजनसरा, कोचेंगा में आतंक मचाने वाला तेंदुआ आखिर वन विभाग द्वारा लगाए पिंजरे में कैद हो गया। विभाग ने गुरुवार को काजनसरा में पिंजरा लगाया था, जिसमें शुक्रवार शाम तेंदुआ कैद हुआ। वन विभाग की टीम ने उसे उदंती सीतानदी अभयारण्य में छोड़ा। ज्ञात हो कि यह मादा तेंदुआ अंचल में दो लोगों का शिकार कर चुका है, इसके अलावा कई मवेशियों का भी शिकार किया है। जिसके चलते अंचल में दशहत का माहौल था। तेंदुआ के पकड़े जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। शनिवार को वन विभाग की टीम ने स्वास्थ्य जांच के बाद उसे उदंती अभयारण्य में छोड़ दिया। पिंजरा को शासकीय वाहन से सुरक्षित स्थान पर लाया गया। इसके बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) से अनुमति प्राप्त कर डा. सुधीर पंचभाई व डा. तामेश कंवर पशु चिकित्सक गरियाबंद द्वारा उप वनमंडलाधिकारी गरियाबंद, वन परिक्षेत्र अधिकारी गरियाबंद की उपस्थिति में स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। पशु चिकित्सकों ने मादा तेंदुआ के दांत, पंजा, सिर व शरीर का परीक्षण किया। शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं पाए गए। पशु चिकित्सकों द्वारा उसके स्वस्थ होने की पुष्टि पर जंगल में मुक्त करने योग्य बताया। तीन पंजरे लगाए गए थे, कोचेना काजनसरा के पिंजरे में कैदआसपास के गांव के रहवासी क्षेत्रों में लगातार तेंदुआ के विचरण ग्राम बम्हनी व कोचेना में तेंदुआ द्वारा जनहानि व जनघायल की घटना को देखते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) व मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त के वन मंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल के मार्गदर्शन में सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से कोचेना काजनसरा के बीच गांव से लगे जंगल क्षेत्र में तीन पिंजरा लगाया गया था। जिसमें से कोचेना-काजनसरा में लगाए गए पिंजरे में शुक्रवार को शाम लगभग 6 बजे तेंदुआ के पकड़े जाने की सूचना वहां पर तैनात सुरक्षाा श्रमिकों द्वारा दी गई। सूचना पाकर वन परिक्षेत्र गरियाबंद की टीम मौके पर पहुंची। वहां पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से पिंजरा को ग्रीन नेट से ढका गया। उदंती सीतानदी अभयारण्य में छोड़ाशनिवार को उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार उप वनमंडलाधिकारी गरियाबंद मनोज चन्द्राकर तथा उप वनमंडलाधिकारी देवभोग राजेन्द्र कुमार सोरी के नेतृत्व दोहपर एक बजे मादा तेंदुआ को रहवासी क्षेत्रों से दूर उदंती सीतानदी अभयारण में पिंजरा से मुक्त किया गया। पिंजरा से निकलते ही तेंदुआ जंगल की ओर तेजी से चला गया।
Posted By: Nai Dunia News Network