
मुंबई देश के इतिहास में पहली बार किसी ट्रांसजेंडर को मौत की सजा सुनाई गई है। दरअसल, कोर्ट ने एक ट्रांसजेंडर शख्स को तीन महीने की बच्ची से रेप और हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई है।
यह फैसला मुंबई सेशन कोर्ट की जज अदिति कदम ने सुनाया। सजा सुनाते हुए न्यायाधीश अदिति कदम ने कहा कि आजीवन कारावास नियम है और मृत्युदंड अपवाद है। ऐसी सजा का प्रयोग कम ही किया जाता है। यह बिल्कुल यही अपराध है। इस मामले में जिस तरह से बच्ची के साथ बर्बरता की गई है, वह एक दुर्लभ मामला बनाता है। 24 वर्षीय ट्रांसजेंडर व्यक्ति के खिलाफ नवजात बच्ची के अपहरण, बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है। वह 2021 में मुंबई के कैफे परेड इलाके में इस भयावह घटना को अंजाम दिया गया था । इस मामले में फैसला सुनाए जाने के बाद आरोपी के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे और वह चुपचाप खड़ा रहा। फैसला सुनाए जाने के बाद नवजात बच्ची के पिता ने कहना था कि मुकदमा तेजी से आगे बढ़ा हम इस फैसले से खुश हैंं |
जांचकर्ताओं के अनुसार, लड़की के जन्म के बाद, ट्रांसजेंडर हमेशा की तरह, शगुन के लिए परिवार के पास गया, लेकिन परिवार ने उसे शगुन देने से इनकार कर दिया। इसी दौरान आरोपी का परिवार से झगड़ा हो गया, इस वजह से वह परिवार से दुश्मनी पाले हुआ था। और फिर एक दिन जब घरवाले सो रहे थे तो वह चुपके से घर में घुस आया और लड़की को अपने साथ ले गया। उसके बाद आरोपी ने मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने बच्ची के शव को पास की नहर में फेंक दिया। इस मामले में POCSO कोर्ट के जज ने कहा कि यह निर्मम हत्या का मामला है। यह एक ऐसा अपराध है जिससे हर लड़की के माता-पिता सदमे में चले जाए | यह भी स्पष्ट नहीं है कि आरोपी के दिमाग में किस हद तक जहर भरा हुआ था और उसके सोचने का तरीका क्या रहा होगा। जज ने कहा कि यह मामला मौत की सजा के लिए उपयुक्त है। फैसले में जज ने कहा कि दोषी ने पहले से ही ऐसा जघन्य अपराध करने की योजना बनाई थी, फिर उसे बेरहमी से मार डाला गया। लड़की की मां ने इस भयावह घटना की शिकायत दर्ज कराई। मामले में शामिल एक अन्य व्यक्ति को अदालत ने बरी कर दिया