![raipur driving training institute e0a4a8e0a4b5e0a4be e0a4b0e0a4bee0a4afe0a4aae0a581e0a4b0 e0a4aee0a587e0a482 e0a4a1e0a58de0a4b0e0a4bee0a487e0a4b5 617d37f125a87](https://shashwatkalam.com/wp-content/uploads/2021/10/raipur-driving-training-institute-e0a4a8e0a4b5e0a4be-e0a4b0e0a4bee0a4afe0a4aae0a581e0a4b0-e0a4aee0a587e0a482-e0a4a1e0a58de0a4b0e0a4bee0a487e0a4b5_617d37f125a87-780x470.jpeg)
Publish Date: | Sat, 30 Oct 2021 11:22 AM (IST)
Raipur Driving Training Institute: रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ में नवा रायपुर स्थित ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (आइडीटीआर) बनकर तैयार हो गया है। विभाग ने उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री से समय मांगा है। मुख्यमंत्री से समय मिलते ही उद्घाटन कर इंस्टीट्यूट शुरू कर दिया जाएगा। परिवहन विभाग ने उद्घाटन के तैयारी शुरू कर दी है। छात्रोें को वाहन चलाने की ट्रेनिंग मारुति कंपनी के कर्मचारियों को देनी है। कंपनी ने वाहन खरीद लिया है। ट्रेनिंग सेंटर पर एक साथ करीब सौ से अधिक लोगों को एक साथ ट्रेनिंग दी जाएगी। परिवहन विभाग के अधिकारी का कहना है कि तैयारी पूरी कर ली गई है, जल्द उद्घाटन किया जाएगा। गौरतलब है कि ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट नवा रायपुर में 20 एकड़ में 17 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। यहां पर ट्रक, बस जैसे बड़े कमर्शियल वाहनों को चलाने के लिए 90 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। नान कमर्शियल वाहनों को चलाने के लिए 21 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी।ट्रेनिंग पूरी करने के बाद छात्र को कमर्शियल लाइसेंस तुरंत बनाकर दे दिया जाएगा। इसके साथ ही हैवी वाहन चलाने वालों को प्रदेश भर की फैक्ट्रियों में नौकरी भी दिलाई जाएगी। छात्रोें के ठहरने के लिए 80 कमरों के हास्टल का भी निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। दूरदराज से आने वाले छात्र यहां रहकर आसानी से प्रशिक्षण ले सकेंगे। छात्रों को नहीं मिल पा रहा फायदाप्रदेश में वर्तमान स्थित ऐसी है कि यहां पर मान्यता प्राप्त एक भी ड्राइविंग स्कूल नहीं है। प्रशिक्षण के लिए वाहन चालक निजी संस्थाओं में ट्रेनिंग लेकर ट्रायल देते हैं। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण केंद्र में मोटी रकम चुकानी पड़ती है। प्रशिक्षण केंद्र खोलने के बाद एजेंट और स्कूलों को मोटी रकम देने से छुटकारा मिलेगा।यहां पर प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे लोगों को सीखने में किसी प्रकार की दिक्कत न आए, मगर शुरू होने की वजह से छात्रों को इसका फायदा नहीं हो पा रहा है।हादसे कम करने के लिए भी पहलइंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आइडीटीआर) में ड्राइविंग की ट्रेनिंग का मकसद है कि इससे प्रशिक्षित चालक निकलेंगे, जिससे सड़क हादसे कम होंगे। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में एक साल में करीब पांच हजार लोग सड़क हादसे में अपनी जान गंवा रहे हैं। यहां के प्रशिक्षण से युवाओं को ट्रैफिक नियमों के हिसाब से ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे भी हादसों में कमी आएगी।
Posted By: Kadir Khan