
Publish Date: | Sat, 30 Oct 2021 07:00 AM (IST)
बिलासपुर। Bilaspur Corona News: कोरोना मरीज की हालत बिगड़ने पर अंतिम विकल्प के रूप में महंगा एक्टेमरा 400 एमजी इंजेक्शन लगाया जाता है। कुछ लोग इसकी भी कालाबाजारी करने से बाज नहीं आते हैं। अब इस इंजेक्शन को एमआरपी रेट पर उपलब्ध कराने का बीड़ा स्वास्थ्य विभाग ने उठा लिया है। रेडक्रास मेडिकल स्टोर से मरीजों के लिए यह इजेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मरीजांे को रेमडिसिविर इंजेक्शन और एक्टेमरा 400 एमजी इंजेक्शन की जरूरत पड़ रही थी।इस बात का फायदा उठाकर इंजेक्शन को महंगे दामों पर बेचा गया। लेकिन अब कोरोना की स्थिति सामान्य हो चुकी है। कुछ मरीजों को ही इस इंजेक्शन की आवश्यकता पड़ रही है। ऐसे में शासन द्वारा रेमडिसिविर का स्टाक पहले से उपलब्ध करा दिया गया है। वहीं 40 हजार 560 स्र्पए में मिलने वाले एक्टेमरा इंजेक्शन की सीधे बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इसकी कालाबाजारी की आशंका अभी भी बनी हुई थी। यदि किसी को यह इंजेक्शन चाहिए तो पहले स्वास्थ्य विभाग को संपर्क करना होगा। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर यह इंजेक्शन रेडक्रास मेडिकल स्टोर से जरूरतमंद को मिल सकेगी। इससे इंजेक्शन की कालाबाजार स्र्क गई है। ऐसे काम करता है एक्टेमरा एक्टेमरा इंजेक्शन उस समय काम आता है जब वायरस पूरे शरीर में फैल जाता है और मरीज की बचने की उम्मीद न के बराबर रहती है। जब यह इंजेक्शन लगाया जाता है तो शरीर में फैले वायरस को मिटाने का काम करता है। ज्यादातर मामले में इसमे रिकवरी हो जाती है और मरीज की जान बच जाती है। अब तक 68 को दिया गया इंजेक्शनबीते चार से पांच महीनों के भीतर 68 गंभीर कोरोना मरीज को यह इंजेक्शन दिया जा चुका है। लोगों को बड़ी आसानी से यह इंजेक्शन मिला है और इस इंजेक्शन की खास बात यह है कि 68 में 53 लोगों की जान इस इंजेक्शन की वजह से बच गई। ज्यादातर मामलों में चिकित्सक ने जवाब दे दिया था और अंतिम उपचार के रूप में इस इंजेक्शन को लिखा था।
Posted By: Yogeshwar Sharma