![diwali celebration 2021 e0a4aee0a4bfe0a49fe0a58de0a49fe0a580 e0a495e0a587 e0a4a6e0a580e0a4afe0a587 e0a4b8e0a587 e0a49ce0a4aee0a497e0a4bee0a48f 617d370cc04ee](https://shashwatkalam.com/wp-content/uploads/2021/10/diwali-celebration-2021-e0a4aee0a4bfe0a49fe0a58de0a49fe0a580-e0a495e0a587-e0a4a6e0a580e0a4afe0a587-e0a4b8e0a587-e0a49ce0a4aee0a497e0a4bee0a48f_617d370cc04ee-780x470.jpeg)
Publish Date: | Sat, 30 Oct 2021 04:00 PM (IST)
बिलासपुर।Diwali Celebration 2021: कुम्हारों के अलावा स्व सहायता समूह व छोटे कारीगरों की दिवाली भी इस बार अच्छी मनेगी। कलेक्टर डा. सारांश मित्तर ने एक आदेश जारी कर मिट्टी के दीेये बनाने वाले कुम्हारों व मिट्टी के उत्पाद बेचने वालों को मुख्य बाजार में जगह उपलब्ध कराने व सामान की बिक्री में मदद करने के निर्देश नगर निगम के अलावा जिले के स्थानीय प्रशासन को जारी किए हैं। धनतेरस के लिए बाजार तैयार है। गोलबाजार सदरबाजार के अलावा मोहल्लों के बाजार में भी रौनक दिखाई देने लगी है। बाजार पूरी तरह तैयार है। ग्राहकी भी उसी अंदाज में हो रहा है। कोरोना संक्रमण की साया तो है पर राहत वाली बात ये कि संक्रमण की गति थोडी कम है। यही कारण है कि बाजार में भीड भी उमडने लगी है। किराना से लेकर सरापफा और अन्य उत्पाद के बाजार में भी ग्राहकी उमडने लगी है। दिवाली के अवसर पर दीयों की खास महत्व है। मिट्टी के दीये,मिट्टी से बनी मूर्तियां आदि। आमतौर पर अब भी परंपरागत व्यवसाय पर भरोसा करने वाले कुम्हार परिवारोें ने इसे जिंदा रखा है और तीज त्योहार के अलावा दीवाली के मौके पर खासतौर पर दीये बनाते हैं। डिजाइन वाले दीयोें से लेकर साधारण दीया बनाने के काम में त्योहार के एक महीने से ही जुट जाते हैं। अब इनका उत्पाद भी बनकर तैयार है। कुम्हारों के अलावा इन उत्पादों को बेचने वाले छोटे व्यवसायी व स्वयंसेवी संस्थाओं के लिए राहत वाली बात ये है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश् पर कलेक्टर डा. मित्तर ने नगर निगम के अलावा जिले के नगरीय निकायों के अधिकारियों को पत्र लिखकर इनको बाजार मेे स्थल उपलब्ध कराने के अलावा बिक्री की व्यवस्था करने व टैक्स ना लेने की हिदायत दी हैै।आदेश से मिलेगी राहत दिवाली पर्व इस व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों के जीविकोपार्जन के साथ-साथ उनके घर परिवार की आर्थिक दशा सुधारने से सीधेतौर पर जुड़ा हुआ है। इसके अलावा धर्नाजन का माध्यम भी है। कुम्हारों, स्वसहायता समूहों, छोटे कारीगरों से कोई भी कर या शुल्क नहीं लेने के निर्देश से इस बार इनको बड़ी राहत मिलेगी।आमतौर पर यह शिकायत मिलती थी कि बाजारों में भीड़ बढने का खामियाजा सडक किनारे सामान बेचने वाले ऐेसे ही वर्ग को भुगतना पड़ता था। यातायात पुलिस व निगम के अतिक्रमण शाखा के कर्मी इनको खदेड़ने में लग जाते थे।
Posted By: anil.kurrey