Publish Date: | Sat, 30 Oct 2021 02:40 PM (IST)
बिलासपुर।Court News Bilaspur: बड़े पिता के घर बेफिक्री के साथ रही मासूूम बेटी की अस्मत लूटने बड़े पिता ने उसे धमकाया और बड़ी मां को घटना की जानकारी देने पर जान से मारने की धमकी भी दी। मासूम के इस जवाब से कोर्ट भी संजिदा हो गया। प्रथम एपफटीसी पाक्सो कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपित पिता को अलग—अलग धाराओें मेें पांच वर्ष व एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही जुर्माना भी ठोंका है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जुर्माना की राशि जमा करने पर एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा अतिरिक्त भुगतनी पडेगी। अपने फैसले में पाक्सो कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी भी की है।मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एफटीएससी (पाक्सो) कोर्ट में हुई। सुनवाई के बाद अपने फैसले में कोर्ट ने कहा है कि धारा-506-11 भादंस पृथक प्रकृति की है जिसके एवं धारा 354 भादंस के संबंध में पाक्सो अधिनियम की धारा 42 में कोई उल्लेख नहीं होने के कारण इसका लाभ नहीं दिया जा सकता है।धारा-354- क, 354- ख भादंस एवं धारा-9 (एल) (एम) (एन) 10 व 12 पाक्सो अधिनियम एक ही प्रकृति के हैं एवं पॉक्सो अधिनियम की धारा 42 में वैकल्पिक दंड के प्राविधान के अनुसार अभियुक्त को दोनों अधिनियम में से जिस अपराध में गुरुत्तर दंड प्रावधानित हो वही दंड ही प्रदान किया जा सकता है। घटना दिनांक को भादंस एवं पाक्सो अधिनियम की उपरोक्त धाराओं में से धारा 9 (एल) (एम) (एन) 10 व 12 पाक्सो गुरुत्तर दंड का प्राविधान होने के कारण अभियुक्त को इसका लाभ देते हुए धारा-354-क एवं 354- ख भादंस में दंडादेश नहीं दिया जा रहा है।समस्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त तेजराम यादव को धारा 354 भादस में एक वर्ष का सश्रम कारावास व 200 रुपये के अर्थदंड, धारा-506-11 भादस में एक वर्ष का सश्रम कारावास व 200 रुपये अर्थदंड, धारा-9 (एल) (एम) (एन) / 10 पाक्सो अधि. में पांच वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रुपये अर्थदंड एवं धारा 12 पाक्सो अधि में एक वर्ष का सश्रम कारावास व 200 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया जाता है। अर्थदंड की अदायगी में व्यतिकम किये जाने पर अभियुक्त को धारा-354, 506 – ।। भादंस व धारा 10 व 12 पाक्सो अधि में क्रमशः चार—चार माह एक वर्ष व चार माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतनी पडेगी।क्या है मामलापीडिता की सहेली पूजा यादव प्रथम सूचना रिपोर्ट में उल्लेखित स्थल में परिवार सहित निवासरत् करती है। उसके पड़ोस में उसकी अवयस्क सहेली पीड़िता उम्र 13 वर्ष रहती हैैैै। जिसकी मां की मृत्यु हो चुकी है एवं पिता के दूसरी शादी कर अन्यत्र रहने के कारण वह नानी के पास रहती थी। जिनकी भी मृत्यु उपरांत वह बड़े पिता के पास रहती है। तीन अक्टूबर 2020 को पीड़िता रात्रि आठ बजे उसके पास आकर बताई कि उसके बड़े पापा तेजराम करीब दो वर्ष से उसके पर गलत नियत रखते हैं। उसका हाथ पकड़कर उसके साथ गलत काम करने पर पैसा देने की बात कहते हैं। बड़ी मां को बताने पर जान से मारने की धमकी देते हैं। घटना तिथि को शाम सात बजे के करीब आरोपित पीडिता के अकेले कमरे में रहने पर दुष्कर्म की कोशिश की।चार अक्टूबर 2020 को सरकंडा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पीडिता की रिपोर्ट पुलिस ने आरोपित के खिलाफ भादवि की धारा-354, 354- क. 354 – ख, 506 भादंस एवं धारा-08 पाक्सो अधिनियम के तहत जुर्म दर्ज कर जेल भेज दिया है।पाक्सो कोर्ट की तल्ख टिप्पणीयौन हिंसा अमानवीय कार्य होने के अतिरिक्त महिला की गोपनीयता और पवित्रता के अधिकार का ऐसा उल्लंघन है जो उसके संपूर्ण जीवन को प्रभावित करता है। यह ना सिर्फ उसके सर्वोच्च सम्मान पर गंभीर प्रहार है, बल्कि उसके आत्मविश्वास तथा उसकी प्रतिष्ठा के प्रति अपराध होकर उसे कम कर उसे अपमानित करता है जिसका बालकों के साथ होने पर उसकी गंभीरता और अधिक हो जाती है। वर्तमान में इस प्रकृति के अपराधों की संख्या में हो रही अत्यधिक वृद्धि से इन अपराधों पर नरम दृष्टिकोण अपनाया जाना उचित नहीं है।
Posted By: anil.kurrey