Publish Date: | Fri, 10 Dec 2021 11:53 PM (IST)
जांजगीर – चांपा (नईदुनिया न्यूज)। उधा न्यायालय बिलासपुर के आदेश पर रेलवे और स्टेशन जांजगीर के सामने की निजी व शासकीय जमीन की नाप आज कई घंटे तक चली। नाप के दौरान उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त कमिश्नर एस तिवारी उपस्थित थे। नाप के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी और इसे हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। बार-बार यहां रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाये जाने से विवाद की स्थिति निर्मित होती है। इसी के चलते गौरीशंकर और दो अन्य विरूद्घ सीनियर सेक्शन इंजीनियर व दो अन्य के मामले में हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर जमीन का सीमांकन करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के 22 नवंबर के आदेश के परिपालन में नैला पटवारी हल्का नंबर 07 राजस्व निरीक्षण मंडल जांजगीर स्थित भूमि खसरा नंबर 579 एवं 597/1 शामिल 597/2 का सीमांकन 10 दिसंबर को किया गया। इसके लिए एसडीएम नेतहसीलदार पवन कोसमा, 4 पटवारी बुदेश देवांगन, लक्ष्मी प्रसाद तिवारी, गुलजार शेख और संदीप राठौर और राजस्व निरीक्षक अशोक साहू, शेख मोहम्मद मुजीब, और निभांशु भास्कर की टीम गठित की थी। संबंधित लोगों को समस्त दस्तावेज सहित नियत तिथि एवं मौके पर उपस्थित रहने को कहा गया था। रेलवे के अधिकारी व और याचिकाकर्ताओं की उपस्थिति में जमीन का सीमांकन किया गया। इस दौरान हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नर साल्विक तिवारी के अलावा रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीरियर एसएचएच आब्दी, सहायक मंडल अभियंता गौरव गजनामी और याचिका कर्ता पक्षकार ब्यास कश्यप व अन्य लोग उपस्थित थे। नाप के बाद टीम द्वारा रिपोर्ट तैयार की जाएगी और हाईकोर्ट को सौंपा जाएगा। इसके बाद यह स्पष्ट होगा कि कितनी जमीन रेलवे की है और कितनी याचिकाकर्ताओं की है। ज्ञात हो कि रेलवे स्टेशन के सामने जमीन की नाप व अतिक्रमण हटाने के दौरान कई बार यहां विवाद की स्थिति निर्मित हुई है। याचिकाकर्ताओं ने यहां पर जो होटल संचालित हैं उस पर भूस्वामित्व का दावा किया है। इधर रेलवे का दावा है कि उक्त जमीन रेलवे की है। बहरहाल सीमांकन रिपोर्ट में यह तय हो जाएगा कि आखिर जमीन किसकी है और पक्षकारों को भी बार-बार परेशान नहीं होना पड़ेगा।
Posted By: Nai Dunia News Network