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स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन ने भारत सरकार से प्राप्त सर्टिफिकेट को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गंभीर सिंह ठाकुर को प्रदान किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन में पहुँचकर पाटन टीम के बीएमओ डॉ आशीष शर्मा ,बीपीएम श्रीमती पूनम साहू एवं सभी स्टाफ की उपस्थिति में सौंपा एवं दुर्ग जिले को पाटन की टीम द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने के लिए धन्यवाद एवं बधाईयां दीं।
बीते दो वर्षों में समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन में अस्पताल में स्टाफ, अधोसंरचना एवं सुविधाओं के संबंध में किया गया अभूतपूर्व कार्य एवं स्टाफ की चिकित्सा सेवा में लगन और मेहनत से
पाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। केंद्र सरकार का नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट अस्पताल को मिला है। बीते दो वर्षों में अपनी शानदार सेवाओं के चलते सीएचसी पाटन की विश्वसनीयता बढ़ी और यहां मेडिकल सुविधाओं का खासा विस्तार हुआ, जिसकी वजह से यह बड़ी सफलता मिल पाई। केंद्र सरकार की टीम ने जुलाई महीने में इस सीएचसी का मूल्यांकन किया था। इस संबंध में जानकारी देते हुए सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार के मूल्यांकन के मानदंड काफी सख्त होते हैं और इस बात की गहरी खुशी है कि पाटन सीएचसी मूल्यांकन में खरी उतरी और इसे गुणवत्ता सर्टिफिकेट के लिए चुना गया। पाटन बीएमओ डॉ. आशीष शर्मा ने बताया कि इसके लिए तीन स्तर पर मूल्यांकन किया गया। 8 प्रकार के क्षेत्रों में अस्पताल का कार्य देखा गया। इसमें अस्पताल में दी जाने वाली सेवाएं, मरीजों के अधिकार, अधोसंरचना, उपकरणों की उपलब्धता, सपोर्ट सिस्टम (मरीजों को दिये जाने वाले खाने की गुणवत्ता, सुरक्षा, बुनियादी सुविधाएं आदि), क्लीनिकल सर्विसेज, लैब टेस्ट, इंफेक्शन कंट्रोल आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 65 मानदंडों में जांच की गई और इसमें 297 बिन्दु शामिल थे। इन बिन्दुओं में एक्सीडेंट मैनेजमेंट, न्यू बार्न स्टैबलाइजेशन यूनिट, 24 घंटे ओटी, ब्लड यूनिट की उपलब्धता आदि की सुविधाओं के बिन्दु शामिल थे। राष्ट्रीय स्तर के एक्सटरनल एसेसर्स द्वारा लगातार दो दिवसों तक रात्रि कालीन समय मे भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन में दी जाने वाली चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं एवं सुविधाओं का बहुत ही सूक्ष्मता से असेसमेंट किया। बाह्य एवं भर्ती मरीजों से भी इंटरव्यू किया, मरीजों द्वारा दिए गए संतुष्टि सर्वे की भी अंक शामिल किए गए। शिकायत पेटी में दर्ज शिकायतों के निराकरण की भी सूक्ष्मता के साथ अध्ययन किया गया। स्टाफ द्वारा चिकित्सा सेवाओं के प्रोटोकॉल का पालन, मरीजों में ईलाज के दौरान संक्रमण नियंत्रण एवं बचाव, मरीजों का ईलाज के दौरान चिकित्सा कर्मियों के संक्रमण से बचाव प्रोटोकॉल का आकलन, अस्पताल से निकल रहे जैव अपशिष्ट का प्रबंधन, अग्नि सुरक्षा प्रबंधन, दवाईयों की उप्लब्धता, चिकित्सा उपकरणों का मेंटेनेंस, विद्युत उपकरणों का मेंटेनेंस, भवन की स्थिति, मरम्मत आदि अनेक कार्यों का मूल्यांकन किया गया था।