
Publish Date: | Mon, 29 Nov 2021 12:10 AM (IST)
जगदलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सिलगेर कांड में मारे गए ग्रामीणों के स्वजन को सरकार एक-एक करोड़ रूपये का मुआवजा दे। साथ ही घटना की न्यायिक जांच की घोषणा करते हुए आयोग का गठन करे। यह बात जनता कांग्रेस जे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने रविवार को सर्किट हाउस में आयोजित पत्रवार्ता के दौरान कही। जोगी ने कहा कि यह दुर्भाग्य की पराकाष्ठा है कि सरकार के खजाने से लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों के लिए 50-50 लाख रूपये का मुआवजा हमारे सीएम देते है लेकिन सिलगेर में मारे गए निर्दोष ग्रामीणों के स्वजनों को आज तक एक रूपया नहीं दिया गया। जोगी ने बताया कि सिलगेर मामले में सवाल खड़ा हो रहा है कि जब वह इलाका सुकमा पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है तो वहां पर बीजापुर डीआरजी क्यों मौजूद थी। उन्होंने कहा कि हल्का बल प्रयोग की बजाय गोलीबारी किया जाना समझ से परे है। जोगी ने नक्सल हिंसा में मारे जाने वाले आदिवासी या पुलिस जवान के स्वजन को एक करोड़ का मुआवजा दिए जाने की वकालत की। आरोप लगाया कि कांग्रेस ने घोषणापत्र में किया वादा पूरा नहीं किया। बस्तर के जेलों में हजारों आदिवासी बंद हैं। नारायणपुर जिले के आमदाई में सरकार ने ग्राम सभा के बिना अनुमोदन के निजी उद्योग को जमीन दे दी। इसके खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे एक हजार लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए व उन्हें नक्सली बताया गया। जोगी ने पोलावरम बांध के प्रभावितों के बेहतर व्यवस्थापन की मांग की। उन्होंने बताया कि कोंडागांव जिले में 110 करोड़ की लागत से मक्का प्रोसेसिंग यूनिट लगाया गया। यहां प्रबंधन समिति का चुनाव न करवा नामांकित कर दिए गए हैं। ऐसे व्यक्ति जो किसान नहीं है उन्हें भी सदस्य बनाया गया है। जोगी ने जिला खनिज निधि न्यास का व्यापक दुरूपयोग होने का आरोप लगाते हुए किसी स्वतंत्र एजेंसी से बीते पांच साल के मद की जांच कराने की मांग की। पत्रवार्ता के दौरान उन्होंने बस्तर को उप राजधानी बनाए जाने, हाईकोर्ट बेंच की स्थापना, एनएमडीसी में होने वाली भर्तियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग भी की। इस दौरान जनता कांग्रेस के शहर अध्यक्ष नवनीत चांद, एसटी प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष भरत कश्यप समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
Posted By: Nai Dunia News Network