छत्तीसगढ़

समूह नहीं करेगा रेडी-टू-ईट फूड का निर्माण, आदेश जारी

Publish Date: | Mon, 29 Nov 2021 12:06 AM (IST)

बालोद । रेडी टू ईट फूड निर्माण व वितरण का कार्य एक फरवरी 2022 से स्थानीय महिला स्व सहायता समूह के स्थान पर छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा स्थापित यूनिट के माध्यम से होगा। इस आशय महिला व बाल विकास सचिव रीना बाला साहेब कंगाले ने पत्र जारी किया है। जारी पत्र में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में प्रचलित पूरक पोषण आहार व्यवस्था अंतर्गत टेक होम राशन में रेडी टू ईट फूड निर्माण व वितरण का कार्य स्थानीय महिला स्व सहायता समूह के स्थान पर अब कृषि विकास व किसान कल्याण तथा जब प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य बीज व कृषि विकास निगम द्वारा स्थापित यूनिट के माध्यम से होगा। यह आदेश एक फरवरी 2022 से प्रभावशील होगा। पूर्व में इस संबंध में विभाग द्वारा समय-समय पर जारी समस्त निर्देशों को निरस्त किया जाता है। इस आदेश की कापी स्व सहायता समूह की महिलाओं तक भी पहुंच गई है। हालांकि समूह की कई महिलाओं से जब इस विषय पर चर्चा की गई तो उनका कहना था कि इसकी जानकारी अभी उनके पास आई है। समूह की महिलाओं में हड़कंपअचानक इस प्रकार के आदेश से स्व सहायता समूह की महिलाओं में हड़कंप मच गया है। आदेश निचले स्तर पर पहुंचने लगा है। ऐसे में हड़कंप मचना स्वाभाविक है। बालोद जिला में 54 महिला स्व सहायता समूह रेडी टू ईट का पोषण तैयार करते हैं और प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर समूह द्वारा पहुंचाया जाता है। कर्ज में डूब जाएगा महिला समूहमहिलाओं ने कहा है कि बालोद जिले में 54 स्व सहायता समूह की तकरीबन 600 महिलाएं रेडी टू ईट पोषण आहार का निर्माण सालों से करती आ रही है। इससे जीवन यापन के लिए उन्हें रोजगार मिला है। रेडी टू ईट निर्माण के लिए कहीं से भी शिकायत व आपत्ति नहीं है। उनका कहना है कि रेडी टू ईट निर्माण के लिए कर्ज कर व स्वयं की राशि लगाकर लाखों रुपये के मशीन लगाए है, जो काम बंद होने के बाद बेकार साबित होगा। समूह कर्ज में डूब जाएगा। काम को यथावत रखा जाए समूह से जुड़ी महिलाओं की मांग है कि पहले की तरह स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रेडी टू ईट निर्माण बनाने के काम को यथावत रखा जाए। क्योंकि महिलाएं आंगनबाड़ियों में सफलतापूर्वक रेडी टू ईट का निर्माण कर वितरण कर रही है। सामग्रियों का मूल्य बाजार मूल्य से अधिक होने के बाद भी समूह घाटा सहन कर कार्य कर रही है। जाने किस परियोजना में कितने समूह है कार्यरतबालोद जिला अंतर्गत संचालित एकीकृत बाल विकास परियोजना के सभी सेक्टरों में पोषण आहार व्यवस्था के तहत दल्लीराजहरा परियोजना में तीन समूह, चिखलाकसा परियोजना में छह समूह, देवरी परियोजना में सात समूह, बालोद परियोजना में सात, डौंडी परियोजना में छह समूह, डौंडीलोहारा परियोजना में सात समूह, गुंडरदेही परियोजना में 11 समूह और गुरूर परियोजना में सात महिला स्व सहायता समूह रेडी टू ईट फूड का निर्माण कर वितरण कर रही हैं। नई व्यवस्था के बाद इन समूहों में कार्य करने वाली महिलाएं बेरोजगार हो जाएंगी। प्रत्येक महिला को चार से पांच हजार का लाभ मिल जाता है।

Posted By: Nai Dunia News Network

 

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