
Publish Date: | Fri, 12 Nov 2021 11:52 PM (IST)
भिलाई (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भिलाई इस्पात संयंत्र और डाक विभाग के संयुक्त कार्यालय सीटीडी सेल को बद किया जा रहा है। अगस्त माह से आरडी (आवर्ती जमा योजना) की राशि संयंत्र के वित्त विभाग ने कार्मिकों के वेतन से कटौती बंद कर दी है। आरडी व पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) की राशि कर्मियों को अब स्वयं ही जमा करानी पड़ रही है। सीटीडी सेल बंद होने की वजह से कई कर्मचारियों को उनका पासबुक नहीं मिल पाया है और वे इसके लिए भटक रहे हैं। इसके अभाव में उनका पैसा भी जमा नहीं हो पा रहा है। इसे लेकर कर्मचारियों में आक्रोश है।कर्मचारियों व अधिकारियों को अल्प बचत योजनाओं के लिए प्रेरित करने भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने 70 की दशक में डाक के विभाग के साथ मिलकर एक योजना शुरू की थी। इसके तहत ही सीटीडी सेल का गठन किया गया था। इसमें बीएसपी के कर्मचारियों के अलावा डाक विभाग के कर्मचारी भी शामिल थे। इन कर्मियों को उनका वेतन अपने-अपने विभाग से मिलता था। इस सीटीडी सेल का कार्यालय पूर्व में इस्पात भवन के पास स्थित ओल्ड मेन आफिस परिसर में इसका कार्यालय बनाया गया था। इसमें कर्मचारी व अधिकारियों को यह सुविधा दी गई थी कि वे चाहें तो अल्प बचत योजनाओं में राशि जमा कर सकते हैं। कर्मचारियों द्वारा तय की गई राशि हर माह बीएसपी के वित्त विभाग उनके वेतन से काटकर सीटीडी सेल में जमा करा दी जाती थी। इस व्यवस्था को ही बीसपी प्रबंधन ने बीते अगस्त माह से बंद कर दी है। सीटीडी सेल में पूर्व में दो दर्जन से भी अधिक कर्मचारी व अधिकारी कार्यरत थे। कार्मिकों के सेवानिवृत्त होने के साथ ही मैनपावर घटता चला गया। बताया जाता है कि हाल के कुछ वर्ष में तीन कर्मचारी सेवानिवृत हो गए वहीं एक कर्मचारी ही बचा था, इसकी मौत कोरोना से हो गई। इसके बाद से इस सेल में कोई कर्मी नहीं रह गया। इसे देखते हुए ही बीएसपी के वित्त विभाग आरडी और पीपीएफ की राशि कर्मचारियों के वेतन से बंद करने आदेश जारी कर दिया था। इस आदेश में ही कर्मचारियों को सीटीडी सेल जाकर अपने जमा राशि की बुक लेने कहा गया था, इसके लिए सीटीडी सेल को सेवानिवृत कर्मियों के भरोसे सितंबर माह तक संचालित किया गया। सेक्टर-3 में थाना के पास एक बीएसपी के आवास में संचालित इस कार्यालय को अब पूरी तरह बंद कर दिया है।बीएसपी ने यह सुविधा शुरू की थी तब उस दौर में भिलाई में गिनती के बैंक ही थे। इस दौर में कर्मचारी भी बैंक से अधिक डाकघर में ही राशि जमा करना ज्यादा सुरक्षित मानते थे। इस वजह से इस सुविधा का अधिकांश कर्मचारियों ने लाभ उठाया और राशि भी जमा की थी। वर्तमान में बैंकों की प्रतिस्पर्धा, अनगिनत जमा योजनाओं के चलते डाळचर में आरडी जमा करने कम रह गए थे। बताया जाता है कि करीब पांच हजार खाते संचालित थे। इसमें से लगभग चार हजार कर्मचारियों ने अपना पासबुक ले लिया है वहीं एक हजार कर्मचारी अपना पासबुक नहीं ले पाए हैं। इनमें ऐसे कर्मचारी ज्यादा हैं जो जानकारी के अभाव अथवा बाहर होने के कारण पासबुक नहीं ले पाए। अब वे पासबुक के लिए भटक रहे हैं। कार्यालय पूरी तरह बंद हो गया है वहीं फायनेंस विभाग भी स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहा है। कर्मियों को अब नई समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पासबुक के अभाव में कर्मचारी स्वयं का पैसा भी जमा नहीं कर पा रहे हैंपासबुक न मिल पाने से परेशान कर्मचारी अब यूनियन नेताओं के पास पहुंच रहे हैं। कर्मचारियों की दिक्कत को देखते हुए इंटक अतिरिक्त महासचिव संजय कुमार साहू व वित्त प्रभारी वीबी सिंह ने वित्त विभाग सहित ईडी से मुलाकात की और समस्या के निराकरण के लिए फिलहाल सेवानिवृत्त कर्मियों को ही फिर से बुलाने का सुझाव दिया। जिससे पासबुक का वितरण हो सके। इधर सीटू ने भी मुख्य महाप्रबंधक कार्मिक निशा सोनी से चर्चा की सुझाव भी दिया कि यदि सीटीडी कार्यालय में स्टाफ की कमी है तो पासबुक संबंधित कार्मिक कार्यालयों में भेज दिया जाए।
Posted By: Nai Dunia News Network