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धमतरी / भारत सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम निपुण भारत अभियान के तहत बच्चों के लर्निंग आउटकम को अपग्रेड करने एनआईसी छत्तीसगढ़ द्वारा निक्लियर और टेलीप्रैक्टिस नामक मोबाइल एप विकसित किया गया है, जिनके जरिए मैदानी स्तर पर तकनीकी मॉनीटरिंग की जा सकेगी।
उक्त साफ्टवेयर की जानकारी देने अतिरिक्त राज्य सूचना एवं विज्ञान अधिकारी सोमशेखर के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजित की गई, जिसमें कलेक्टर पी.एस. एल्मा ने हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बच्चों में सीखने की क्षमता विकसित करने का यह बेहतर प्लेटफॉर्म साबित होगा, जिसे जिले में जल्द क्रियान्वयन किया जाएगा।
कलेक्टर ने बताया कि जिला स्तर के अधिकारियों को मॉनिटरिंग से जोड़ने जल्द कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा व्यापक कार्ययोजना तैयार की जा रही है। आज सुबह 10.30 बजे से आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एएसआईओ सोमशेखर ने बताया कि निक्लियर एक मोबाइल एप है, जो कि ओपन सी.व्ही. प्लेटफार्म है।
इसमें बच्चों के सीखने से संबंधित कन्टेंट को आसानी से अपलोड किया व समझा जा सकता है।वहीं टेलीप्रैक्टिस, टेलीग्राम एप्लीकेशन पर आधारित एक तरह का मोबाइल एप है जिसमें शिक्षक चित्रों को अपलोड करके बच्चों से मौखिक प्रश्नोत्तरी पूछ व बता सकेंगे। इन दोनों मोबाइल एप्लीकेशन से स्पीच स्किल को भी अपग्रेड किया जा सकेगा।
जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी उपेन्द्र सिंह चंदेल ने बताया कि अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के सहयोग से गूगल फॉर्म तैयार किया गया है जिसके जरिए सभी बीईओ, बीआरसी अपने मातहत स्कूलों में इन एप की गतिविधियों के जरिए आसानी से मॉनिटरिंग कर सकेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले समय में बच्चों में लर्निंग ऑउटकम को मजबूत बनाने पर फोकस किया जाएगा तथा केपीआई के निर्धारित मापदण्ड पर आधारित क्रियान्वयन किया जाएगा। भविष्य में इसी टूल के जरिए प्रायमरी व मिडिल स्कूल की शैक्षणिक गतिविधियों की मॉनीटरिंग की जाएगी। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी मती रजनी नेल्सन, समग्र शिक्षा के एपीओ पंकज रावटे सहित अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।