
खैरागढ़ रियासत के राजा और विधायक रहे देवव्रत सिंह की मौत के बाद परिवार में घमासान मच गया है। राजा देवव्रत सिंह के बच्चों ने उनकी दूसरी पत्नी विभा सिंह पर शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है। दोनों बच्चों ने विभा सिंह को उनके पिता की मौत का भी जिम्मेदार भी बताया है। कहना है कि विभा सिंह ने उनके पिता को मानसिक रूप से काफी परेशान कर दिया था। उनके पिता को दिल की बीमारी ही नहीं थी, इसलिए उनकी मौत सामान्य नहीं थी।
स्व. देवव्रत सिंह के बेटे आर्यव्रत सिंह और बेटी शताक्षी सिंह ने सोमवार को मीडिया के बीच आकर मदद की गुहार लगाई। दोनों ने आरोप लगाया कि उनकी सौतेली मां विभा सिंह उन्हें प्रताड़ित कर रही हैं। विभा सिंह ने घरों में ताले लगा दिए हैं। गाड़ियों की चाबी उनसे छीन ली है। उन्होंने घर में गुंडों को बुला लिया है और धमकी दे रही हैं कि अब खैरागढ़ रियासत की बागडोर उनके हाथ में है और वह जो चाहेंगी, जो निर्णय लेंगी वही होगा।
ऑडियो से पता चलता है किस तरह किया जा रहा है प्रताड़ित
स्व. राजा की बेटी शताक्षी ने एक नाम वीरेंद्र सिंह तोमर का भी लिया, जिसे वह गुंडा बता रही हैं। शताक्षी कहती हैं कि वीरेंद्र सिंह उन्हें जबरदस्ती धमकाते हैं। शताक्षी ने बताया कि विभा सिंह ने उनके पिता को पैतृक ज्वेलरी और पैसों को लेकर काफी परेशान कर रखा था। इसे लेकर उनके पिता ने थाने में लिखित सूचना भी दी थी, जिसमें उन्होंने सारी सच्चाई लिखी हुई है।जो ऑडियो वायरल हुआ है वह भी यह सच्चाई बता रहा है कि किस तरह से यह लोग हम लोगों के साथ गलत कर रहे हैं। वह स्व. देवव्रत सिंह और उनकी पत्नी विभा सिंह के बीच हो रहे आपसी झगड़े की ऑडियो है। उसमें देवव्रत सिंह विभा सिंह से कह रहे हैं कि वह उनकी पूरी संपत्ति ले ले, लेकिन तलाक लेकर उन्हें सुकून का जीवन जीने दे।
पिता की मृत्यु पर भी बेटे ने उठाए सवाल
स्व. देवव्रत सिंह के बेटे आर्यव्रत सिंह ने मीडिया के सामने पिता की मौत को लेकर भी संदेह जाताया। उन्होंने कहा कि उनके पिता की मृत्यु के पीछे एक ही कारण है और वह है विभा सिंह। विभा सिंह उनके पिता को मानसिक रूप से परेशान करती थीं। वह इतना परेशान हो गए गए थे कि धीरे-धेरे उनका दिल और दिमाग कमजोर होने लगे थे। इसके बाद उन्हें कई बीमारियों ने घेरा और वह शारीरिक रूप से भी कमजोर होने लगे थे।बेटे ने दावा किया कि उनके पिता को दिल की बीमारी नहीं थी। जब उनकी मौत की खबर मिली तो वह काफी सहम गए थे। उस दौरान किसी ने भी पोस्टमार्टम की बात नहीं की। पिता का शव सामने पड़ा देखकर यह होश ही नहीं था कि पोस्टमार्टम कराने की बात करें।