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Publish Date: | Thu, 02 Dec 2021 11:39 PM (IST)
बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। एनजीओ में करोड़ों के शासकीय अनुदान के बावजूद भूखमरी से बधाों की मौत के मामले में हाई कोर्ट ने गुरुवार को शासन को विस्तृत जवाब देने फिर समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद होगी। राज्य शासन द्वारा समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत सामाजिक संस्थाओं को अनुदान दिया जाता है। वह संस्था जो निराश्रित बधाों के लिए काम कर रही है, उनके लिए अलग से घरौंदा योजना प्रारंभ की गई थी। इसके तहत पीतांबरा संस्था समेत चार संस्थाओं को नौ करोड़ 76 लाख की राशि दी गई थी। इसमें से तिफरा स्थित पीतांबरा व रायपुर की कुछ अन्य संस्थाओं में 2014 से लेकर अब तक अलग-अलग आठ बधाों की मौत हो गई है। इनमें से जब 2017 में एक घटना पीतांबरा में हुई तो इसकी शिकायत की गई। स्वयं समाज कल्याण विभाग के सचिव डा. अलंग ने कहा था कि एफआइआर होनी चाहिए। मामले में ईडी तक भी शिकायत हुई थी। बड़ी रकम के हेरफेर का मामला था। विशेष बधाों के लिए काम कर रही संस्था कोपल वाणी रायपुर ने इसे लेकर एडवोकेट जेके गुप्ता, देवर्षि सिंह के माध्यम से जनहित याचिका लगाई। इसमें कहा गया कि शासन के अनुदान का इस तरह दुरुपयोग हो रहा है जो लोग इस क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे हैं उन्हें कोई सहायता नहीं मिल पाती है। इतनी बड़ी रकम होने के बाद भी भूख से बधाों की यह स्थिति भयावह है। डिवीजन बेंच में इस मामले की सुनवाई चल रही है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान शासन ने जवाब के लिए फिर समय मांगा। कोर्ट ने शासन द्वारा पहले भी पांच बार समय लेने का उल्लेख करते हुए शासन को अपना जवाब प्रस्तुत करने एक बार समय दिया है।
Posted By: anil.kurrey